Dhanbad News : बीसीसीएल बरोरा एरिया की दामोदा कोलियरी में कार्यरत मैकनिकल फिटर सुधीर बाउरी (55) की मौत बुधवार को इलाज के दौरान सेंट्रल हॉस्पिटल धनबाद में हो गयी. उनकी ड्यूटी सामान्य पाली में थी. दामोदा कोलियरी में हाजिरी बनाने के बाद वह बाइक से ड्यूटी स्थल जा रहा था. इसी दौरान उसे दिल का दौरा पड़ा और बाइक से गिर गया. आनन-फानन में प्रबंधन के साथ उनके परिजन इलाज के लिए सेंट्रल अस्पताल धनबाद ले गये, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. वह दामोदा एलबीएन कॉलोनी में रहता था. यूनियन प्रतिनिधियों ने मृतक के आश्रित पुत्र को अनुकंपा के आधार पर नियोजन देने की मांग को लेकर शव के साथ धरना दिया. प्रबंधन नियोजन देने में आनाकानी करने लगा, तो यूनियन शव को क्षेत्रीय कार्यालय में ले जाने के लिए उग्र हो गयी. शाम पांच बजे जीएम पीयूष किशोर के हस्तक्षेप पर क्षेत्रीय कार्यालय में प्रबंधन क्षेत्रीय सलाहकार समिति सदस्य एवं यूनियन प्रतिनिधियों के साथ वार्ता हुई. उसमें मृतक पुत्र दीपक कुमार बाउरी को प्रोविजनल नियुक्ति पत्र दिया. अन्य राशि का भुगतान नियमानुसार करने का आश्वासन दिया गया. उसके बाद शव दाह संस्कार के लिए ले जाया गया. मौके पर कार्मिक प्रबंधक विवेक पाठक, सहायक प्रबंधक संतोष कुमार सिन्हा तथा एसीसी सदस्यों में जेके झा, गोपाल मिश्रा, संतोष गोराई, संजय चौबे, मंगल हेम्ब्रम, अनिल बाउरी, मटुकधारी गोराईं, नवल किशोर, गणेश सिंह आदि थे.
धोखरा में ट्रेन से कटकर होटल संचालक की मौत
धनबाद-प्रधानखंता स्टेशन के बीच धोखरा हॉल्ट के पास बुधवार को डाउन लाइन पर ब्लैक डायमंड एक्सप्रेस की चपेट में आने से करमाटांड़ बाजार निवासी होटल संचालक संतोष बरनवाल (40) की मौत हो गयी. मृतक करमाटांड़ कॉलोनी का रहने वाला था. वह दामोदरपुर रोड होटल चलाता था. मृतक का दो नाबालिग पुत्र है. घटना के बाद उसके परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. सूचना मिलने पर धनबाद जीआरपी ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए एसएनएमएमसीएच धनबाद भेज दिया.पिता की मौत के बाद मां करती है बच्चे को प्रताड़ित, घर से भागा
लोयाबाद कोकप्लांट का एक 11 वर्षीय बच्चा अपने घर से भाग कर अपनी बुआ का घर चला गया. जब इस बात का पता औरंगाबाद में रहने वाले उसके चाचा को चला, तो वह बच्चे को अपने साथ रखने की बात कहने लगा. उसके बाद मामला लोयाबाद थाना पहुंचा. वहां बच्चा उसके चाचा, बुआ और उसकी मां भी पहुंची. थाने में बच्चे ने बताया कि उसके पिता की मौत हो चुकी है, उसके बाद मां उसके साथ मारपीट करती है. इसलिए वह मां के साथ नहीं रहना चाहता. मामले को उलझता देख पुलिस बच्चे और उसके परिवार वालों को लेकर सीडब्ल्यूसी के समक्ष पहुंची. वहां बच्चे से उसकी राय पूछी गयी. उसके बाद सीडब्ल्यूसी के निर्देश पर बच्चे को 15 दिनों के लिए उसकी मामी को सुपुर्द कर दिया. उसके बाद रहने को लेकर बच्चे की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह मां, मामी या चाचा के पास रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

