आइआइटी आइएसएम के शिक्षकों ने इस वर्ष छह अाविष्कारों के लिए पेटेंट हासिल करने में सफलता पायी है. इसके साथ ही आइआइटी आइएसएम के 18 आविष्कारों के लिए दिये गये पेटेंट आवेदन को इंडियन पेटेंट ऑफिस द्वारा पब्लिश किया गया है.
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आइआइटी आइएसएम : छह आविष्कारों को मिला पेटेंट
आइआइटी आइएसएम के शिक्षकों ने इस वर्ष छह अाविष्कारों के लिए पेटेंट हासिल करने में सफलता पायी है. इसके साथ ही आइआइटी आइएसएम के 18 आविष्कारों के लिए दिये गये पेटेंट आवेदन को इंडियन पेटेंट ऑफिस द्वारा पब्लिश किया गया है. धनबाद : वर्ष 2018 आइआइटी आइएसएम के लिए यादगार रहेगा. खास तौर से रिसर्च […]
धनबाद : वर्ष 2018 आइआइटी आइएसएम के लिए यादगार रहेगा. खास तौर से रिसर्च के क्षेत्र में संस्थान ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. इस वर्ष संस्थान के शिक्षकों ने छह अाविष्कारों के लिए पेटेंट हासिल करने में सफलता पायी है. इसके साथ ही आइआइटी आइएसएम के 18 आविष्कारों के लिए दिये पेटेंट आवेदन को इंडियन पेटेंट ऑफिस द्वारा पब्लिश किया गया है. आने वाले दिनों में इन आविष्कारों को पेटेंट प्रदान किया जा सकता है.
बीते एक वर्ष के दौरान संस्थान के शिक्षकों के अब तक कुल सात आविष्कारों को इंडियन पेटेंट मिल गया है. बता दें कि अाविष्कार में पिछड़ने की वजह से संस्थान नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ रैकिंग फ्रेमवर्क में कई गैर आइआइटी संस्थानों से काफी पीछे है. इस रैकिंग में संस्थान को अभी इंजीनियरिंग संस्थानों में 13वां स्थान है. अब एक साल में इतने पेटेंट मिलने से 2019 व 2020 की एनआइआरएफ रैकिंग में और बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद जगी है. संस्थान आने वाले दिनों में देश के टॉप 10 इंजीनियरिंग संस्थानों में शामिल हो सकता है.
इन्हें मिला पेटेंट
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के तीन शिक्षकों डॉ प्रदीप कुमार साधु, डॉ आरएन चक्रवर्ती व डॉ एसपी चौधरी को तीन आविष्कारों के लिए अलग-अलग तीन पेटेंट मिला है. इन आविष्कारों में इंडक्शन हीटिंग डिवाइस फॉर हीटिंग फ्लूइड इन नन मेटेलिक वेलेस ऑर पाइपलाइन, कूकिंग एपरेट्स यूजिंग हाइ फ्रीक्वेंशी इंडक्शन हीटिंग और इंप्रव्यूड हाइ फ्रीक्वेंशी इंवर्टर सर्किट का आविष्कार किया है.
अप्लाइड केमेस्ट्री विभाग के दो शिक्षकों डॉ आशीष सरकार व डॉ अरूप मुखर्जी ने फ्लाइ ऐश बेस्ड कोटिंग कंपोजिशन के अाविष्कार के लिए पेटेंट दिया गया है. इस अाविष्कार में फ्लाइ ऐश जैसे पर्यावरण को नुकसान पहुंचने वाले उत्पाद का बेहतर इस्तेमाल बताया गया है.
अप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग के दो शिक्षक डॉ उपेंद्र कुमार सिंह और डॉ असित कुमार दास गुप्ता की जोड़ी ने गोफ के किनारों को सपोर्ट देने वाले यंत्र का आविष्कार किया है. यह यंत्र भू-धंसान प्रभावित क्षेत्र में काफी कारगर है.
फ्यूल एंड मिनरल इंजीनियरिंग विभाग के डॉ पंकज कुमार जैन के सोल रेडिएशन को कम करने वाले यंत्र को पेटेंट मिला है. डॉ पंकज का आविष्कार इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि उन्हें तीन साल के भीतर ही पेटेंट मिल गया है. उनके आविष्कार के लिए उन्हें मार्च 2018 में पेटेंट मिला है.
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