जबकि यहां के छह विधानसभा क्षेत्र में से पांच पर भाजपा एवं सहयोगी दल आजसू पार्टी का कब्जा है. दो-दो सांसद भी भाजपा के हैं. मेयर भी भाजपा के ही हैं. भाजपा का राज्य एवं केंद्र में सत्ता है. लेकिन तेवर उसके विपक्ष के जमाने वाले ही हैं. पार्टी के नेता नौकरशाहों के खिलाफ बयानबाजी करने व हड़काने से भी पीछे नहीं हट रहे. ऊर्जा निगम के जीएम के साथ आज की घटना को भी इसी संदर्भ में देखा जा सकता है. पिछले एक माह से धनबाद में जबरदस्त बिजली संकट है. कभी सड़क चौड़ीकरण के लिए पेड़ काटने के नाम पर तो कभी मॉनसून के लिए मेंटेनेंस के नाम पर घंटों बिजली काटी जा रही है. विपक्षी दल के नेता इन मुद्दों पर सड़क पर उतरने से कतराते रहे हैं.
आज भाजपा विधायक को ही जीएम कार्यालय में जा कर हंगामा करना पड़ा. भाजपा समर्थकों ने ही वहां विपक्ष का काम किया. यहां सनद हो कि जब झारखंड में जेएमएम की सरकार थी तब पानी, बिजली संकट पर भाजपा यहां लगातार आंदोलन करती थी.