साइबर ठगी में अचानक बेहिसाब रुपये अर्जित करने का नशा इस तरह चढ़ा है कि कोई इस दलदल से बाहर निकलना ही नहीं चाहता है. फैक्ट्रियों में दस से 15 हजार की नौकरी छोड़ साइबर ठगी में युवा रोज 50 हजार रुपये तक ठगी कर रहे हैं. कुछ समय के लिए बेहिसाब पैसे तो साइबर ठगों के पास जरुर आ रहा है, लेकिन इन साइबर ठगों पर कई राज्यों की पुलिस की नजर है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ पुलिस ने आमगाछी व पारोडाल व वाराणसी क्राइम ब्रांच की पुलिस ने मोरने गांव में छापेमारी की थी.
छत्तीसगढ़ पुलिस ने कई साइबर ठगों की प्रोफाइल तक तैयार कर ली है. साइबर ठगी के इस गलत रास्ते में अब तेजी से 13 से 17 वर्ग के किशोर वर्गों को शामिल किया जा रहा है. कई छात्रों ने पढ़ाई तक छोड़ साइबर ठगी की दुनिया में लिप्त हो गया है. दिन भर झाड़ियों से साइबर ठगी का अंजाम दिया जा रहा है. पिछले दिनों घोरमारा से छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक किशोर की उम्र 17 वर्ष थी. हजारीबाग पुलिस भी इन दिनों फिर से घोरमारा के साइबर ठगों की तलाश में जुटी है.