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संज्ञेय व असंज्ञेय मामले में किशोर पर प्राथमिकी नहीं करने का है प्रावधान

देवघर : चेतना विकास व प्लान इंडिया संस्था की ओर से स्थानीय होटल के सभागार में जिला स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें बाल समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला स्तरीय बाल संरक्षण इकाई डालसा व बाल संरक्षण पर कार्य कर रहे एनजीअो भी शामिल हुए. कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता पीयूष सेनगुप्ता ने […]

देवघर : चेतना विकास व प्लान इंडिया संस्था की ओर से स्थानीय होटल के सभागार में जिला स्तरीय क्षमता निर्माण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसमें बाल समिति, किशोर न्याय बोर्ड, जिला स्तरीय बाल संरक्षण इकाई डालसा व बाल संरक्षण पर कार्य कर रहे एनजीअो भी शामिल हुए. कार्यशाला के मुख्य प्रवक्ता पीयूष सेनगुप्ता ने बाल संरक्षण व उनके अधिकारों की जानकारी दी, साथ ही बाल कल्याण समिति किशोर न्याय बोर्ड के कार्य व दायित्व पर चर्चा की गयी. उन्होंने जेजे एक्ट-2015 के प्रमुख बिंदुअों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एक्ट के अनुसार किसी भी हाल में 17 साल वाले किशोेर पर संज्ञेय व असंज्ञेय मामले में एफआइआर नहीं होगा, बल्कि सिर्फ डायरी होगी.

आरोपित किशोर को न रस्सा अौर न हथकड़ी लगायी जायेगी. इसके अलावा 18 साल से कम उम्र के बच्चे को फांसी या उम्रकैद की सजा नहीं होगी. इन सबके अलावा जेजे बोर्ड समय-समय पर बच्चों के हित में बाल सुधार गृह व जेल का भ्रमण करेगी. वहीं चेतना विकास के सचिव कुमार रंजन ने बाल संरक्षण के मुद्दों पर विशेष बातें रखी.

सीसीआर डीएसपी सह विशेष किशोर पुलिस पदाधिकारी रविकांत भूषण ने देवघर जिला में बाल संरक्षण की वस्तु स्थिति से लोगों को अवगत कराया. कार्यक्रम में सीडब्ल्यूसी के चेयरपर्सन ललित कुमार, जेजे बोर्ड के कविता झा, एसके उपाध्याय, चाइल्ड लाइन के प्रतिनिधि, जीआरपी, आरपीएफ के प्रतिनिधि सभी बाल मैत्री थाना के बाल कल्याण पदाधिकारी शामिल हुये. कार्यक्रम का संचालन अजय पाठक ने किया. जबकि कार्यशाला में चेतना विकास के तुहीन पाल, पूनम कुमारी, सुमित कुमार आदि शामिल थे.

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