देवघर : देवघर में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद नगर थाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा द्वारा 04.05.2016 काे मामला दर्ज कराया गया है. मामला दर्ज होने के आठ दिन यानि करीब 192 घंटे बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की […]
देवघर : देवघर में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद नगर थाने में जिला शिक्षा पदाधिकारी उदय नारायण शर्मा द्वारा 04.05.2016 काे मामला दर्ज कराया गया है. मामला दर्ज होने के आठ दिन यानि करीब 192 घंटे बीतने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गयी है. प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय का नामदज दो लिपिक मनीष कुमार एवं संतोष कुमार बगैर छुट्टी स्वीकृत कराये कार्यालय से अनुपस्थित हैं.
जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर द्वारा चौबीस घंटे में कार्यालय में योगदान का निर्देश दिया गया था. लेकिन, अबतक लिपिक न तो कार्यालय में योगदान किये हैं. न ही विभागीय स्तर पर कोई सूचना ही दी गयी है. जिला शिक्षा अधीक्षक भी किसी प्रकार की कार्रवाई से कतरा रहे हैं. लिपिक के कार्यालय से अनुपस्थित हाेने की सूचना भी जिला शिक्षा अधीक्षक देवघर द्वारा वरीय पदाधिकारी क्षेत्रीय शिक्षा उप निदेशक को नहीं दी गयी है. विभागीय स्तर पर कार्रवाई के नाम पर अब तक सिर्फ आइवॉश एक्शन का जो खेल चल रहा है. इससे विभागीय पदाधिकारी की मंशा स्पष्ट होती है.
विभागीय शिथिलता की वजह से फर्जीवाड़ा कर शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थी भी बेखौफ हैं. शिक्षक नियुक्ति से वंचित टेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी भी पुलिसिया एवं विभागीय कार्रवाई से काफी हतप्रभ हैं. शिक्षक नियुक्ति में अनियमितता एवं फर्जीवाड़ा का मामला सामने आने के बाद भी किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हो रही है. आखिर विभाग एवं पुलिस की मंशा क्या है. साफ नहीं हो रहा है.
थाना को क्यों लग रहा है वक्त
जिला शिक्षा पदाधिकारी देवघर द्वारा प्राथमिकी दर्ज करने के लिए दिये गये आवेदन में जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी सहित दो लिपिक मनीष कुमार व संतोष कुमार सहित अन्य का उल्लेख किया गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक कार्यालय के पदाधिकारी पर नगर थाना द्वारा शुरू में आपति दर्ज की गयी थी. नगर थाना द्वारा कहा गया था कि पदाधिकारी का नाम क्लीयर करने के लिए विभाग को पत्र लिखा जायेगा. लेकिन, एक सप्ताह बीतने के बाद भी अब तक कोई पत्र विभाग को नहीं भेजा गया है.
क्या कहते हैं जांच अधिकारी
शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी के मामले में डीएसइ कार्यालय के किस पदाधिकारी की संलिप्तता है, इसके नाम का उल्लेख प्राथमिकी में नहीं है. जिला शिक्षा पदाधिकारी को वरीय पुलिस पदाधिकारी के निर्देश पर पत्राचार कर संबंधित पदाधिकारी का नाम मांगा जायेगा.
– दिलीप कुमार दास, एसआइ सह कांड के आइओ , नगर थाना