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शिवस्थानों का डोलना प्रलय का पूर्व संकेत

आध्यात्मिक विद्वानों ने बार-बार हो रहे भूकंप पर जतायी चिंता, कहा- परंपरा को अक्षुण्ण रखना होगा : दुर्लभ मिश्रा अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुर्लभ चरण मिश्रा ने बताया कि सारे शिव स्थान डोल रहे हैं. यह प्रलय का पूर्व संकेत है. समय रहते नहीं सुधरे तो बड़ी प्राकृतिक घटना होने में देर […]

आध्यात्मिक विद्वानों ने बार-बार हो रहे भूकंप पर जतायी चिंता, कहा-
परंपरा को अक्षुण्ण रखना होगा : दुर्लभ मिश्रा
अखिल भारतीय तीर्थपुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दुर्लभ चरण मिश्रा ने बताया कि सारे शिव स्थान डोल रहे हैं. यह प्रलय का पूर्व संकेत है. समय रहते नहीं सुधरे तो बड़ी प्राकृतिक घटना होने में देर नहीं लगेगी.
आबादी बढ़ने के साथ परंपरा का निर्वाह नहीं हो पा रहा है. सब अपने दायरे से बाहर जाकर काम कर रहे हैं. इससे भगवान शिव नाराज हो गये हैं. पहले केदारनाथ में भारी तबाही मची. इसके बाद नेपाल में पशुपथिनाथ और अब बाबा बैद्यनाथधाम में भूकंप के तेज झटके आये हैं. यह सब भगवान शिव की नाराजगी के उदाहरण हैं. हम अपने पूर्वजों व ऋषिमुनियों के बताये मार्गों पर चल कर ही बाबा को संतुष्ट कर सकते हैं.
तीनों देवस्थलों का देवशक्ति से संबंध है : पं प्रमोद श्रृंगारी
पंडित प्रमोद श्रृंगारी ने कहा कि नेपाल में मां सती का जंघा गिरा है. बाबाधाम में हृदय गिरा है. केदारनाथ में भी मां का एक अंग गिरा है. तंत्र चुडा़मणि में वर्णित 51अंग जहां-जहां गिरा है. सब जगह बाबा रहते हैं.
मंत्र में नेपाल पहला व दूसरे में बाबा बैद्यनाथ का ही वर्णन है. ऐसे में जरूर कुछ नियम का पालन नहीं हो रहा है. कहीं न कहीं छेड़-छाड़ हो रहा है. इससे बाबा नाराज हो रहे हैं. भूकंप में देवघर केंद्र था. यह बड़ी घटना की ओर इंगित कर रहा है.

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