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पंचायत को बालू घाटों से प्राप्त राशि खर्च करने की गाइडलाइन जारी

देवघर: देवघर जिले के विभिन्न नदियों के बालू घाटों से प्राप्त होने वाली राशि को पंचायत विकास योजना में अब खर्च कर पायेगी. पंचायतीराज निदेशालय ने पत्रांक एक में आठ सितंबर को संबंधित गाइडलाइन जारी कर दिया है. पिछले दिनों डीडीसी मीना ठाकुर द्वारा मांगी गयी मार्गदर्शन के आलोक में पंचायतीराज निदेशक शिवेंद्र सिंह ने […]

देवघर: देवघर जिले के विभिन्न नदियों के बालू घाटों से प्राप्त होने वाली राशि को पंचायत विकास योजना में अब खर्च कर पायेगी. पंचायतीराज निदेशालय ने पत्रांक एक में आठ सितंबर को संबंधित गाइडलाइन जारी कर दिया है. पिछले दिनों डीडीसी मीना ठाकुर द्वारा मांगी गयी मार्गदर्शन के आलोक में पंचायतीराज निदेशक शिवेंद्र सिंह ने डीडीसी को संबंधित गाइडलाइन तय कर पत्र भेज दिया है़.

इस मामले में देवघर विधायक नारायण दास ने भी निदेशक से मिलकर पंचायतों के विकास से संबंधित बालू घाटों की राशि पंचायत के खाते में पड़ी होने पर शीघ्र मुक्त कर गाइडलाइन तय करने की बात रखी थी़. ताकि बालू घाट से संबंधित ग्राम पंचायत में ग्राम सभा योजना बनाकर विकास की राशि नियमानुसार खर्च कर सके. पंचायतीराज निदेशक द्वारा डीडीसी को भेजे गये पत्र के अनुसार 14 वें वित्त आयोग के अनुशंसा के आलोक में जो राशि प्राप्त होगी उसमें से 10 फीसदी राशि परफारमेंस अनुदान के रुप में होगी. परफॉरमेंस अनुदान प्राप्त करने हेतु ग्राम पंचायतों में अंकेक्षण एवं राजस्व प्राप्ति का जरिया से संबंधित निर्धारित मापदंडों को पूरा करना अनिवार्य होगा.

14 वें वित्त आयोग से प्राप्त राशि को आधारभूत संरचना, पेयजल, स्वच्छता, सिवरेज, ठोस अवशिष्ट प्रबंधन, ड्रेनेज, सडक्, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट का रख-रचाव, पार्क, शमशान आदि के रख-रखाव पर खर्च करना है. उक्त परिपेक्ष्य में अन्य स्रोतों यथा बालू घाट, सैरात, किराया व कर आदि मदों से प्राप्त होने वाली राशि राजस्व प्राप्ति का जरिया(ओएसआर) के तहत आयेगी जो ग्राम सभा पंचायतों के लिए महत्वपूर्ण है. ऐसी राशि के लेखा-जोखा के लिए पंचायतों को इन स्रोतों से प्राप्त निधि एवं खर्चों के संधारण के लिए अलग से एक लेख पंजी का संधारण करना आवश्यक होगा.
राशि इन मदों खर्च होगी
इस राशि को ऐसी संरचना के निर्माण, रख-रखाव पर खर्च किया जा सकता है जिससे आय स्रोतों में वृद्धि होती है.
इनसे विकास की ऐसी योजनाएं ली जा सकती हैं जिनके लिए केंद्र सरकार या राज्य सरकार से राशि प्राप्त नहीं होती है
इस राशि को खर्च करते समय इस विषय पर विशेष ध्यान देने की बावश्यकता है कि ऐसी योजनाआएं न ली जाये जिसके लिए पूर्व से भारत सरकार द्वारा या किसी अन्य मद से राशि प्राप्त होती है
राशि को खर्च करने के लिए प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति का अधिकार ग्रामीण विकास विभाग के पंचायतीराज एवं एनआरइपी( विशेष प्रमंडल) मामले के संकल्प संख्या 1355 दिनांक 12 अक्टुबर 2011 से आच्छादित होगा

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