धनबाद/देवघर: धनबाद के बैंक मोड़ स्थित एसबीआइ मुद्रा प्रकोष्ठ केंद्र के प्रबंधक रुस्तम सिंकू ने गुरुवार को बैंक मोड़ थाना में एटीएम का 28,254,00 (28 लाख 25 हजार 400) रुपया गबन करने का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने इस दौरान कार्यरत अधिकारियों और कथित रूप से पैसे निकालने वाले कैजुअल लेबर के बारे में भी […]
धनबाद/देवघर: धनबाद के बैंक मोड़ स्थित एसबीआइ मुद्रा प्रकोष्ठ केंद्र के प्रबंधक रुस्तम सिंकू ने गुरुवार को बैंक मोड़ थाना में एटीएम का 28,254,00 (28 लाख 25 हजार 400) रुपया गबन करने का मामला दर्ज कराया है. उन्होंने इस दौरान कार्यरत अधिकारियों और कथित रूप से पैसे निकालने वाले कैजुअल लेबर के बारे में भी पुलिस को विस्तृत जानकारी दी है.
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है. दिये गये जानकारी के अनुसार, यह गबन नवंबर 2010 में हुआ है. एटीएम में 28,25400 रुपये कम डाले गये और आंतरिक खाता में एटीएम एडमिन कार्ड से उसे एडजस्ट कर दिया गया.
क्या है मामला : अपने आवेदन में प्रबंधक श्री सिंकू ने लिखा है कि धनबाद जिले में कुल 21 एटीएम में आवश्यकतानुसार रोकड़ भराई का कार्य किया जाता है. इस रकम की लेन-देन से संबंधित प्रक्रिया का मिलान हमारी धनबाद शाखा द्वारा किया जाता है. 14 फरवरी 2015 को धनबाद शाखा द्वारा मिलान करने के दौरान 28,25400 नगद रकम कम होने की सूचना मिली. यह भी सूचित किया गया कि आंतरिक खाता में रकम को एटीएम एडमिन कार्ड संख्या 002002000600001052 से कम कर दिया गया है. प्रथम दृष्टि में यह गबन का मामला बनता है. छानबीन करने पर यह पता चला कि एटीएम एडमिन कार्ड 002002000600001052 द्वारा 10 मई 2010 को प्रबंधक मुद्रा प्रकोष्ठ केंद्र धनबाद को 21 एटीएम में रोकड़ भराई के लिए दिया गया था. उस समय तत्कालीन प्रबंधक एसके दास द्वारा संयुक्त संरक्षा मंगल सिह (बेंगलुरु) को प्राधिकृत किया गया था.
नौ नवंबर 2010 को श्री दास ने लिखित रुप से प्रबंधक मुद्रा प्रकोष्ठ केंद्र धनबाद को एटीएम एडमिन कार्ड संख्या खोने कि सूचना दी एवं धनबाद शाखा द्वारा एक नयी कार्ड जारी कर दिया गया था. केंद्र द्वारा खोये गये कार्ड कि सूचना अपने उच्चधिकारियों को पत्र द्वारा दे दी गयी थी और कार्ड के संचालन को बंद कर देने कि भी अनुशंसा कर दी थी. 18 मई 2010 से 25 नवंबर 2014 तक में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा खोले गये एटीएम एडमिन कार्ड से विभिन्न तिथियों में एडमिन बैलेंस को घटाकर कपटपूर्ण तरीके से नगद रोकड़ में कुल मिला कर 28,25, 400 रुपया का गबन कर लिया गया. सीसी टीवी की हुई जांच अधिकारी स्वयं सीसी टीवी फुटेज को देखा और प्रतीत हुआ कि पवन कुमार सिंह, राजेश कुमार वोरा द्वारा एडमिन कार्ड का संचालन किया गया है.
बैद्यनाथ दास देवघर में सेवारत हैं
जबकि 30 नवंबर 2010 को मंगल सिंह बैंक की सेवा से रिटायर हो चुके हैं. जबकि बैधनाथ दास का स्थानांतरण देवघर हो गया है. मुद्रा प्रकोष्ठ के प्रबंधक द्वारा सहायक संरक्षक मंगल सिंह (अब सेवानिवृत्त), एसबीआइ आरबीओ में कार्यरत प्रबंधक बैद्यनाथ दास, पीपी लाल, जीके सिंह, आरजी पासवान व पवन कुमार सिंह पर रुपया गबन करने का आरोप लगाया है.