देवघर: जरमुंडी थाने के निलंबित दारोगा राधेश्याम दास के विरुद्ध यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग लड़की अपने भाई मिठुन दास (बदला हुआ नाम) के संग गांव चली गयी. पीड़िता के भाई की ओर से सीजेएम कोर्ट में इस आशय का आवेदन दिया गया था, कि रिमांड होम में उनकी बहन को रखा गया है जिसे ले जाना चाहते हैं.
माता-पिता नहीं रहने के कारण वही अभिभावक हैं. न्यायालय ने पीड़िता के इच्छा को जानने के लिए कोर्ट में प्रोडक्शन वारंट पर प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. इसी आदेश के तहत पीड़िता को कोर्ट में प्रस्तुत किया गया.
जिसमें उन्होंने अपने भाई के साथ रहने की इच्छा जतायी. सीजेएम वीणा मिश्र ने आवेदन को स्वीकृत करते हुए उसे मुक्त करने का आदेश दिया. इधर, पूर्ण सुरक्षा का शपथ पत्र उनके भाई की ओर से दाखिले के बाद रिमांड होम से ले जाने आदेश दिया. मुक्ति पत्र रिमांड होम के प्रभारी को भेजा गया और रिमांड होम से पीड़िता को उनके परिजन तालझारी स्थित उनके आवास ले गये. इधर, आइओ प्रफुल्लित कुजूर ने देवघर महिला थाना कांड संख्या 201/13 के आरोपित राधेश्याम दास के विरुद्ध इश्तेहार निर्गत करने संबंधी आवेदन दिया. आवेदन में उल्लेख किया गया है कि वारंट के बाद भी आरोपित पुलिस पकड़ में नहीं आया है.
अपने आवास की चल संपत्ति छुपा रहे हैं. इस मामले में अग्रेतर कार्रवाई के मद्देनजर दंड प्रक्रिया संहित की धारा 82 के तहत इश्तेहार निर्गत की प्रार्थना की, जिसे सीजेएम ने स्वीकृत कर लिया. इश्तेहार निर्गत होने के एक माह बाद कुर्की जब्ती का प्रावधान है.