देवघर : जसीडीह डबल मर्डर मिस्ट्री में पांच साल बाद भी सीबीआइ को कुछ खास सुराग हाथ नहीं लगा है. फिर से सीबीआइ की बिहार-झारखंड की संयुक्त टीम ने वर्ष 2018 से इस केस के नये सिरे से जांच शुरू की है. अब डबल मर्डर मिस्ट्री के अनुसंधान में लगी सीबीआइ टीम के अधिकारियों ने दोनों सहेलियों के शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर को रांची बुलाया है. सीबीआइ टीम द्वारा सदर अस्पताल के डॉ बीपी सिंह को रांची बूटी रोड स्थित सीबीआइ-एसीबी कार्यालय में तीन जुलाई को 10 बजे बुलाया गया है.
वहां सीबीआइ की सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी नयी दिल्ली (सीएफएसएल) और स्टेट फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एसएफएसएल) झारखंड रांची के डॉ रामाशंकर सिंह दोनों सहेलियों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर डॉ बीपी सिंह से जानकारी लेंगे. ऐसे में सदर अस्पताल के डॉ बीपी सिंह से सीबीआइ-एससीबी पटना के ब्रांच हेड ने तीन जुलाई को 10 बजे रांची स्थित कार्यालय में पहुंचने का आग्रह किया है. 26 मई, 2013 को डाबरग्राम पुलिस लाइन के समीप रहनेवाली दो नाबालिग सहेलियां एक साथ लापता हो गयी थी.
दोनों के परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट जसीडीह थाने में दी थी. दूसरे दिन पुलिस लाइन के समीप तालाब से ही दोनों सहेलियों की लाश पुलिस ने बरामद की थी. सदर अस्पताल के मेडिकल बोर्ड द्वारा दोनों की लाश का पोस्टमार्टम किया गया था. रिपोर्ट में दोनों के रेप व हत्या की पुष्टि हुई थी. मामले का अनुसंधान जिला पुलिस व सीआइडी ने किया. बावजूद कुछ सफलता हाथ नहीं लगी तो मामले की जांच सीबीआइ को सौंपा गया. पांच साल बीतने के बाद भी सीबीआइ इस कांड में कुछ खास नहीं खोज सकी. इसके बाद मामले में सीबीआइ द्वारा सुराग देने वाले के लिये 10 लाख इनाम घोषित किया गया. फिर भी सीबीआइ को कुछ हासिल नहीं हो सका तो पुन: मामले की नये सिरे से जांच का जिम्मा पटना-रांची संयुक्त टीम को सौंपा गया. हाल ही में छह महीने पूर्व सीबीआइ डीआइजी पंकज कंबोज व एसपी समेत पूरी सीबीआइ टीम मामले की जानकारी लेने देवघर आयी थी. डाबरग्राम पुलिस लाइन परिसर के क्वार्टर, तालाब आदि पूरे घटनास्थल का मुआयना कर क्राइम सीन की जानकारी ली थी.