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कमजोर हुई सीसीटीवी की नजर

देवघर: बाबा मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. यहां गर्भगृह सहित मंदिर परिसर में आये दिन छोटी-मोटी घटनाएं बढ़ती जा रही है. इससे बाबाधाम आये श्रद्धालुओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है. कुछ श्रद्धालु तो मंदिर शिकायत पुस्तिका व मंदिर थाने में शिकायत करने जाते भी हैं लेकिन अधिकांश बाबा […]

देवघर: बाबा मंदिर परिसर में असामाजिक तत्वों का दबदबा बढ़ता जा रहा है. यहां गर्भगृह सहित मंदिर परिसर में आये दिन छोटी-मोटी घटनाएं बढ़ती जा रही है. इससे बाबाधाम आये श्रद्धालुओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है.

कुछ श्रद्धालु तो मंदिर शिकायत पुस्तिका व मंदिर थाने में शिकायत करने जाते भी हैं लेकिन अधिकांश बाबा द्वारा दंड देने की बात कह कर चले जाते हैं. कहने को तो बाबा मंदिर में पांच सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं. इससे असामाजिक तत्वों की गतिविधि पर नजर रखी जाती है. मगर इसका लाभ अब तक नहीं मिल सका है. कहने को मंदिर गर्भ-गृह में दो, मंझला खंड में एक, निकासी द्वार पर एक और पार्वती मंदिर के सामने एक सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है. टीवी स्क्रीन पर दृश्य देखा भी जाता है. मगर किसी पॉकेटमार के नहीं पकड़े जाने पर धीरे-धीरे तीर्थपुरोहित सहित तीर्थयात्रियों में सीसीटीवी कैमरा के औचित्य पर सवाल उठने लगा है.

धड़ल्ले से गर्भगृह में प्रवेश कर जाते हैं संदिग्ध

गर्भगृह में अक्सर संदिग्ध चेहरों का जमावड़ा लगा रहता है. उनके द्वारा छिनतई, पॉकेटमारी आदि घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है. बावजूद कैमरे से एक भी केस चिह्न्ति नहीं हो सका है. उससे निष्पक्ष जांच करने पर एक -एक की पहचान हो सकती है.

नहीं रहता है सामने में शिकायत पुस्तिका

बाबा मंदिर प्रशासनिक भवन में शिकायत पुस्तिका रखी जाती है. उसे काउंटर में रखा जाता है. इससे श्रद्धालुओं की नजर नहीं पड़ती है. शिकायत पुस्तिका के सामने नहीं रहने से कई बार चाहने के बाद भी पीड़ित शिकायत दर्ज नहीं कर पाते हैं.

दर्ज शिकायतों पर नहीं होती है कार्रवाई

कई यजमान शिकायत पुस्तिका में शिकायत कर चले जाते हैं. प्रबंधन बोर्ड की ओर से कोई कार्रवाई नहीं होने पर असामाजिक तत्वों का मनोबल बढ़ता जा रहा है. ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि आखिर न्याय पाने श्रद्धालु कहां जायेंगे.

बार-बार बुलाया जाता है थाना, चाह कर भी नहीं करते शिकायत

कई श्रद्धालु चाह कर भी शिकायत नहीं कर रहे हैं. उन्हें कानूनी पचड़े में पड़ने का डर सताता है. वह बाबा द्वारा दंड देने की बात कह कर चले जाते हैं. ऐसे श्रद्धालु बाबाधाम नहीं आने का संकल्प ले रहे हैं. इससे शहर की छवि खराब हो रही है.

नहीं ली जाती शिकायत

श्रद्धालुओं के साथ घटी घटनाओं की शिकायत दर्ज नहीं हो पाता है. थाने में जाने पर गुमशुदगी का मामला दर्ज करने को कहा जाता है. उन्हें बुलाने पर बार-बार थाने में उपस्थित होने की बात कही जाती है. इससे नाराज होकर भुक्तभोगी चले जाते हैं. यही कारण है कि मंदिर थाने में जनवरी, फरवरी व मार्च में एक भी शिकायत नहीं है. जबकि अप्रैल में आचार संहिता का दो मामला व मई में चोरी की एक घटना दर्ज है. इस संबंध में मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त के मो. नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की गयी. लेकिन हर बार नॉट रिचेबुल बताये जाने से पक्ष नहीं मिल सका.

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