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एक साल में 270 दलितों ने ली स्पेशल कोर्ट की शरण
देवघर : दलितों पर अत्याचार के मामलों का ग्राफ 270 तक पहुंच गया है. ये आंकड़े जनवरी 2017 से 28 दिसंबर तक के हैं. एससीएसटी एक्ट के मामलों की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट परिसर में स्पेशल कोर्ट बना हुआ है. इस न्यायालय के लिए स्पेशल जज भी नियुक्त हैं जिनकी अदालत में इस प्रकार […]
देवघर : दलितों पर अत्याचार के मामलों का ग्राफ 270 तक पहुंच गया है. ये आंकड़े जनवरी 2017 से 28 दिसंबर तक के हैं. एससीएसटी एक्ट के मामलों की सुनवाई के लिए सिविल कोर्ट परिसर में स्पेशल कोर्ट बना हुआ है. इस न्यायालय के लिए स्पेशल जज भी नियुक्त हैं जिनकी अदालत में इस प्रकार के मामलों का ट्रायल हो रहा है. जिले के सभी थाना क्षेत्रों में दलितों पर हुए अत्याचार की घटनाओं को लेकर दर्ज होने वाले केस इस अदालत में भेजे दिये जाते हैं.
गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष अधिक मामले दर्ज हुए हैं. गत वर्ष सावा दो सौ के लगभग ही मामले दर्ज हुए थे. इसमें से अधिकांश मामलों में सुलह हो जाने के चलते ट्रायल के दौरान आरोप सिद्ध नहीं हो पाते हैं. लोगों की मानें तो कई मामले किसी अन्य मामलों की वापसी के लिए दबाव डालने के उद्देश्य से दर्ज कराये जाते हैं. दलित प्रताड़ना के लिए बने कानून की धाराएं गैर जमानती होने के चलते लोगों को इससे भय बना रहता है.
दलित प्रताड़ना के मुकदमा दर्ज कराने में पुरुष अागे हैं. 247 पुरुषों ने कोर्ट की शरण ली है. शेष मुकदमा दलित समुदाय की महिलाओं की ओर से दाखिल किये गये हैं. इसमें अनुसूचित जनजाति के सदस्य भी शामिल हैं. चर्चित मामलों में कृषि मंत्री रणधीर सिंह के विरुद्ध दर्ज हुए दलित प्रताड़ना का एक मामला है.
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