चितरा: चितरा कोलियरी क्षेत्र के बनकनाली गांव स्थित पावरग्रिड की जमीन के रैयतों ने नौकरी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि 10 दिनों के अंदर जमीन रैयतों को नौकरी पर बहाल नहीं किया गया तो पावरग्रिड का निर्माण कार्य बंद करा दिया जायेगा. इस संबंध में जमीन मालिक चंद्रकिशोर राय ने […]
चितरा: चितरा कोलियरी क्षेत्र के बनकनाली गांव स्थित पावरग्रिड की जमीन के रैयतों ने नौकरी की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन किया. उन्होंने अल्टीमेटम दिया कि 10 दिनों के अंदर जमीन रैयतों को नौकरी पर बहाल नहीं किया गया तो पावरग्रिड का निर्माण कार्य बंद करा दिया जायेगा. इस संबंध में जमीन मालिक चंद्रकिशोर राय ने कहा कि 13 अक्तूबर 2014 को पावरग्रिड निर्माण के लिए चितरा कोलियरी के तत्कालीन महाप्रबंधक युनूस अंसारी के कार्यकाल के दौरान समझौता हुआ था.
जमीन का उचित मुआवजा के अलावा नौकरी देने की बात हुई थी. मुआवजा तो मिल गया लेकिन, ढाई साल गुजर जाने के बाद भी रैयतों के आश्रितों को नौकरी नहीं दी गयी. उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय विधायक सह सूबे के कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने उन्हें नौकरी व मुआवजे का आश्वासन दिया था. कहा कि अब सब्र का बांध टूट गया गया है. वहीं, रैयत युधिष्ठिर प्रसाद ने कहा कि इसीएल को पावर ग्रिड निर्माण के लिए जमीन दिये कई वर्ष बीत गये, लेकिन अभी तक उन्हें इसीएल की बिजली भी नहीं मिली है.
चंद्रकिशोर राय ने कुल चार एकड़ 42 डिसमिल व युधिष्ठिर प्रसाद राय ने तीन एकड़ 58 डिसमिल जमीन पावरग्रिड निर्माण के लिए मुहैया करायी थी. इसमें दोनों जमीन मालिकों के हक में इसीएल के नियमों के अनुसार दो-दो लोगों को नौकरी देनेे का प्रावधान बनता है. जमीन देने के दौरान समझौता हुआ था कि दो महीने के अंदर रैयतों को नौकरी पर बहाल किया जायेगा. वहीं मुआवजा तो मिला, लेकिन नौकरी अभी तक नहीं दी गयी. मौके पर जमीन मालिक, आश्रित व ग्रामीण मिलन कुमार राय, नीरज कुमार राय, राजेश राय, सुनील कुमार राय के अलावा दीपक कुमार राय, विकास राय, केशव कुमार राय, उदय कुमार राय, राघव राय, मोमलेश्वर प्रसाद राय, जुगल किशोर राय, गोपाल राय आदि उपस्थित थे.