24 सीएच 6- सुप की खरीदारी करते लोग 7- रावा गुड़ की खरीदारी करते लोग 8- छठ तालाब 9- पुरैनिया तालाब 10- कठौतिया तालाब 11- हरलाल तालाब चतरा. लोक आस्था का महापर्व छठ शनिवार को नहाय-खाय के साथ प्रारंभ होगा. इसे लेकर शुक्रवार को बाजार गुलजार रहा. साप्ताहिक हाट में सुप, दाउरा, गुड़, गेंहु, कद्दू समेत अन्य सामग्रियों की जमकर खरीदारी हुई. 300 रुपये जोड़ा सूप, 40-60 रुपये प्रति किलो कद्दू, 70 रुपये किलो गुड़ बिका. बाजार में पूजन सामग्री व फलों का अस्थायी स्टॉल लगाये जा रहे हैं. दूध, घी व फलो की बुकिंग की जा रही है. दूसरी ओर छठ घाटों में साफ-सफाई जोर शोर से की जा रही है. छठ घाटों को आकर्षक रूप से सजाया जा रहा है. तोरण द्वार लगाये जा रहे हैं. शहर के प्रसिद्ध छठ घाट छठ तालाब में मंच बनाया जा रहा है. छठ घाट जाने वाली सड़को में भी लाइट लगायी जा रही है. शनिवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय छठ महापर्व प्रारंभ होगा, जो मंगलवार को सुबह उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होगा. रविवार को खरना, सोमवार को पहला अर्घ व मंगलवार को दूसरा अर्घ दिया जायेगा.छठ मनाने बड़ी संख्या में लोग अपने घर पहुंच रहे है. बसों में काफी भीड़ देखी जा रही है. छठ गीत गूंज रहे हैं. जिससे पूरा माहौल छठमय बना हुआ है. शहर से लेकर गांव तक छठ को लेकर उत्साह का माहौल है. छठ की तैयारी में जुटे हुए हैं. महंगाई के बाद भी लोगों में छठ को लेकर उत्साह कम नहीं है. आम के लकड़ी का विशेष महत्व छठ महापर्व में आम की लकड़ी का विशेष महत्व होता है. आम की लकड़ी से प्रसाद बनाया जाता है. नहाय-खाय व खरना के दिन आम लकड़ी से ही प्रसाद बनाया जाता है. साथ ही मिट्टी के चूल्हा का प्रयोग किया जाता है. छठ में शुद्धता का पूरा ध्यान रखा जाता है.
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