25 सीएच 5- प्रसाद ग्रहण करती छठव्रती. चतरा. जिले में शनिवार को नहाय-खाय के साथ चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ प्रारंभ हो गया. छठव्रती स्थानीय जलाशयो में पहुंच कर स्नान किया. साथ ही भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया. इसके बाद छठ घाट व घरो में शुद्धता के साथ प्रसाद बनाया और भगवान भास्कर को भोग लगाया. इसके बाद प्रसाद के रूप भोजन ग्रहण किया. अरवा चावल, चना के दाल, कद्दू समेत अन्य सामग्री मिला कर प्रसाद तैयार किया गया. प्रसाद ग्रहण करने काफी संख्या में लोग पहुंचे. छठ घाटो को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है. छठ घाटो की साफ-सफाई अंतिम चरण पर है. साथ ही छठ आने-जाने वाली सड़को की साफ-सफाई, लाईट लगायी जा रही है. जगह-जगह पूजा समितियों द्वारा स्टॉल लगाया जा रहा है. छठव्रतियों ने फल, दूध व अन्य पूजन सामग्रियों की बुकिंग कराते देखे गये. छठ गीत से गूंज रहा क्षेत्र छठ महापर्व को लेकर चारो ओर छठ गीत गूंज रहा है. जिससे माहौल छठमय बना हुआ है. उगा हो सूरज देवा अरघ के बेर…, मारबो रे सुगवा धनुषा से…, कांचे ही बांसे के बहंगिया, बहंगी लचकत जाय…, दर्शन दीइहा हे छठी मैया…, रूनीकी झुनीकी बेटी मांगली, पढ़ल-लिखल पंडित दामाद…, केलवा के पतवा पर न्योता पेठाउली…, राउर घरवा से बाहर जब नहीं आएबा ए बलम जी केकरा संग छठ घाट जाइब ए बलम जी… जैसे गीत चारो ओर गूंज रहा है.
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