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नो इंट्री का सख्ती से पालन होता, तो नहीं जाती छात्रा की जान

चतरा. नो इंट्री का सख्ती से पालन होता, तो हंटरगंज निवासी उमेश सिंह की पुत्री ट्विंकल कुमारी की जान नहीं जाती. स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हर रोज नो इंट्री का उल्लंघन करते हाइवा व भारी वाहनों को परिचालन होता है. स्थानीय बालू घाट व क्रशर से छर्री लेकर वाहन हंटरगंज चौक होते हुए डोभी […]

चतरा. नो इंट्री का सख्ती से पालन होता, तो हंटरगंज निवासी उमेश सिंह की पुत्री ट्विंकल कुमारी की जान नहीं जाती. स्थानीय पुलिस की मिलीभगत से हर रोज नो इंट्री का उल्लंघन करते हाइवा व भारी वाहनों को परिचालन होता है. स्थानीय बालू घाट व क्रशर से छर्री लेकर वाहन हंटरगंज चौक होते हुए डोभी जाते है. इससे बाजार में हमेशा भीड़ लगी रहती है. कई बार लोगों ने नो इंट्री उल्लंघन का विरोध किया. लेकिन पुलिस द्वारा इस पर रोक नहीं लगायी गयी.

मंगलवार को हादसे के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. सड़क जाम हटाने पहुंची पुलिस पर लोगों ने अपना गुस्सा पथराव कर उतारा. इसमें थाना प्रभारी आरबी सिंह व एक महिला समेत कई लोग घायल हो गये. लोगों का गुस्सा शांत करने के लिए सीआरपीएफ जवानों को उतारा गया. मौके पर उपस्थित लोगों ने कहा कि नो इंट्री के बाद भी भारी वाहनों का परिचालन होने से हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. झारखंड का बालू व पत्थर बिहारी व यूपी भेजे जा रहे है, जिससे सरकार को लाखों रुपये का नुकसान हो रहा है.

अधिकांश वाहन ओवरलोड चलते है. दिन-रात हाइवा व भारी वाहनों का परिचालन होते रहता है. पूर्व मंत्री सत्यानंद भोगता ने कहा कि सरकार मोमेंटम झारखंड के नाम पर आमलोगों को मूर्ख बना रही है. झारखंड का बालू व पत्थर बिहारी, यूपी भेजा जा रहा है. आनेवाले दिनों में यहां के लोगों को बालू व पत्थर के लिए तरशना पड़ेगा. उन्होंने हाइवा के शिकार होनेवाले परिजनों को 20 लाख मुआवजा व नौकरी देने व नो इंट्री का अनुपालन करने की मांग की है. उन्होंने गरीबों व स्थानीय लोगों के लिए बालू मुफ्त करने, जिले के सभी प्रखंडों में कोल डिपो खोलने व कोलियरी व बालू घाटों में बिचौलियावाद समाप्त करने की मांग की है.

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