Bokaro News : राकेश वर्मा, बेरमो.
सीसीएल के बीएंडके क्षेत्र अंतर्गत बोकारो कोलियरी के बारीग्राम आंबेडकर चौक के आसपास का इलाका भूमिगत आग से खतरे की जद में है. एक बड़ी आबादी जहां दहशत में जीने को विवश है, वहीं फुसरो से कथारा-गोमिया को जोड़ने वाला मुख्य हीरक रोड भी डेंजर जोन में है. बारीग्राम के निकट मुख्य सड़क की दोनों ओर आग लगी हुई है. आग से सैकड़ों पेड़-पौधे झुलस गये हैं. बारीग्राम से चार नंबर की ओर जाने वाले मुख्य हीरक रोड के मध्य बारीग्राम आंबेडकर चौक से मुश्किल से 100 मीटर की दूरी पर हाल ही में करीब एक से डेढ़ मीटर सड़क धंस गयी थी. जानकारी मिलने पर प्रबंधन ने आनन-फानन धंसी सड़क की मिट्टी से फिलिंग करायी. इस मार्ग से कोयला व छाई ट्रांसपोर्टिंग में लगी सैकड़ों हाईवा गुजरती हैं. फिलहाल गोमिया से चंद्रपुरा मुख्य हीरक रोड की मरम्मत का कार्य भी युद्ध स्तर पर किया जा रहा है.चीप हाउस में रहता है 200 परिवार :
इधर, बारीग्राम के निकट जिस जगह जमीन के नीचे आग लगी हुई है, उससे बिल्कुल सटे बोकारो कोलियरी का चीप हाउस का इलाका है. चीप हाउस में 40 सीसीएलकर्मी समेत करीब 200 परिवार रहते हैं. चीप हाउस से सटा फुटबॉल ग्राउंड तथा आंबेडकर चौक का इलाका है. हीरक रोड के दूसरे छोर पर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के अलावा कई दुकानें व सीसीएल की कॉलोनी है. स्वास्थ्य केंद्र के निकट लोकल सेल के ट्रक खड़े रहते हैं. चीप हाउस निवासी व भाजपा के बेरमो प्रखंड अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह कहते हैं कि ढाई साल पहले सीआइएसएफ का बैरक पूरी तरह भूमिगत आग की चपेट में आ गया था. इसके बाद सीआइएसएफ के जवान यहां से चले गये. बैरक के आसपास आग के कारण जहां-तहां जमीन धंस रही है.रात में उठती हैं आग की लपटें :
बारीग्राम के आसपास के लोगों को कहना है कि रात में आग की लपटें इस जगह से निकलती हैं. चीप हाउस में रहने वाले लोग जहरीली गैस से परेशान हैं. जिस जगह सीआइएसएफ का बैरक था, उसके निकट कुछ लोग मकान व दुकान बनाकर रहते थे. वे लोग भी आग के भय से काफी पहले भाग गये. चीप हाउस कॉलोनीवासी कहते हैं कि उनकी कॉलोनी के ठीक नीचे भयानक आग है. वे लोग हमेशा दहशत में रहते हैं.सीआइएसएफ के लिए दूसरी जगह बनाना पड़ा बैरक :
सीआइएसएफ जवानों के लिए बीएंडके एरिया ने 2012-13 में करीब 60 लाख की लागत से बैरक का निर्माण कराया था. इसमें 150 जवान रहते थे. दो साल पहले बैरक के नीचे से आग की लपटें ऊपर आनी शुरू हुईं और जमीन धंसने लगी. जवानों को तत्काल डीवीसी बेरमो सीम के निकट सीआइएसएफ बीएंडके के सी कैंप में शिफ्ट कराया गया.सिंफर धनबाद की टीम ने की थी जांच :
कुछ साल पहले सीएमआरआइ(सिंफर) धनबाद की एक टीम ने बारीग्राम स्थित सीआइएसएफ बैरक के नीचे व आसपास लगी आग का जायजा लिया था. इस दौरान स्थानीय प्रबंधन को कई निर्देश दिये थे. आग स्थल की वीडियोग्राफी भी करायी थी. सीएमआरआइ ने ट्रैंच कटिंग कर उसे बालू व मिट्टी से फिलिंग करने का निर्देश दिया था, लेकिन प्रबंधन ने सिर्फ मिट्टी फिलिंग कर छोड़ दी. नतीजा आग हीरक रोड के दूसरे छोर तक चली गयी. करगली फिल्टर प्लांट से इस क्षेत्र के लिए आयी मेनपाइप भी आग की चपेट में आ गयी, जिसे बाद में दूसरे रास्ते से ले जाना पड़ा.बोकारो कोलियरी का एक्सकैवेशन भी आ चुका है चपेट में :
बोकारो कोलियरी का पुराना एक्सकैवेशन भी कई साल पहले भूमिगत आग की चपेट में आ चुका है, जो बारीग्राम से मुश्किल से दो किमी की दूरी पर है. आग लगने के बाद वहां उत्पादन कार्य में लगे कई डोजर, डंपर, हॉलपेक, शॉवेज मशीन के अलावा एक्सकैवेशन का अपना पेट्रोल पंप भी जमींदोज हो गया था. इतना ही नहीं, आग के कारण कई जगह बने गोफ में मवेशी भी समा गये थे. बाद में डीवीसी बोकारो थर्मल पावर प्लांट की छाई भरकर एक्सकैवेशन में लगी आग बुझायी गयी थी.मार्च माह में वैकल्पिक मार्ग में भड़की थी जमीनी आग :
गत मार्च माह में बोकारो कोलियरी डीडी माइंस के किनारे चार नंबर के कई टोलों के लिए बने वैकल्पिक मार्ग में जमीनी आग भड़क गयी थी. तब प्रबंधन ने इस मार्ग पर आवागमन रोक दिया था. यहां पूर्व में ही आग लगी हुई थी और प्रबंधन बुझाने का प्रयास कर रहा था. इसके बाद अचानक पीसीसी मार्ग में कई स्थानों पर दरारें पड़ गयीं और धुआं निकलने लगा. इससे अफरातफरी मच गयी थी. कोलियरी क्षेत्र में कभी-कभी भूमिगत आग के बढ़ने की संभावना हो जाती है. फिलहाल बारीग्राम सीआइएसएफ बैरक स्थित हीरक रोड के दोनों छोर पर आग कंट्रोल में है. कोई खतरा नहीं है. इधर से माइन शुरू करने का प्लान भी बनाया जा रहा है.एनके सिंह,
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