DVC Chairman Bokaro visit| बोकारो थर्मल, संजय मिश्रा: भारतीय प्रशासनिक सेवा के डीवीसी चेयरमैन एस सुरेश कुमार ने शनिवार को बोकारो थर्मल का दौरा किया. उन्हें धनबाद से सीआईएसएफ जवानों ने स्कॉट कर लाया और पावर प्लांट पहुंचने तक तकनीकी भवन के सामने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जानकारी के अनुसार, चेयरमैन के साथ वरीय प्रबंधक संजय नाथ,वरीय जीएम प्रोजेक्ट सुबीर साहा और जादवपुर विश्वविद्यालय के अनुपम साह भी थे. इस दौरान उन्होंने एशिया के पहले ताप विद्युत केंद्र और डीवीसी के मदर ए पावर प्लांट में चित्रकार नंदलाल बोस के द्वारा बनायी गयी भीति चित्र का बारीकी से अवलोकन किया, जिसके लिए वे क्रेन में लगे बास्केट से ऊपर गये.
पावर प्लांट का किया निरीक्षण
चेयरमैन ने डीवीसी के एचओपी सुशील कुमार अरजरिया,जीएम ओएंडएम मधुकर श्रीवास्तव,डीजीएम काली चरण शर्मा,वरीय प्रबंधक मनीष चौधरी आदि के साथ पुराने पावर प्लांट,630 मेगावाट वाले स्क्रेप कटिंग वाले प्लांट सहित 500 मेगावाट के पावर प्लांट का भी निरीक्षण किया. इसके बाद उनके द्वारा डीवीसी के नूरी नगर स्थित ऐश पौंड एवं पौंड में जमा ऐश का भी निरीक्षण किया गया.
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पुराने पावर प्लांट को बनाया जायेगा म्यूजियम
डीवीसी चेयरमैन ने स्थानीय निदेशक भवन में पत्रकारों के साथ बातचीत में कहा कि एशिया के प्रथम एवं डीवीसी के बोकारो थर्मल स्थित मदर पावर प्लांट की दीवारों पर लगे भीति चित्र काफी पुराने हो गये हैं,जिसे प्रसिद्ध चित्रकार नंदलाल बोस ने बनाया था. उनके भीति चित्रों की हालत काफी खराब हो गयी है, जिसे इंप्रूव करना है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एशिया के पुराने पावर प्लांट को म्यूजियम बनाकर धरोहर के रुप में रखते हुए आम जनता के लिए खोला जायेगा. पुराने पावर प्लांट तक जाने के लिए अलग से एक कॉरीडॉर का भी निर्माण किया जायेगा.
थर्मल और सोलर प्लांट लगाया जायेगा
डीवीसी चेयरमैन ने बताया कि बोकारो थर्मल में 800 मेगावाट का थर्मल पावर प्लांट लगाया जाएगा, जिसका टेंडर इस साल के अंत तक कर दिया जाएगा. इसके लिए कॉलोनी एवं पुराने बी पावर प्लांट के स्थान पर जगह तलाशी जा रही है. उन्होंने कहा कि 800 मेगावाट के पावर प्लांट को लगाने के पहले कॉलोनी को पूरी तरह से तोड़कर साफ किया जाएगा. साथ ही डीवीसी के स्थानीय ऐश पौंड के डाइक,ऊंचे भवनों,कार एवं साईकिल स्टैंडों पर सात मेगावाट का सोलर प्लांट भी लगाया जाएगा.
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लुगू पहाड़ पर नहीं लगेगा पंप स्टोरेज प्लांट
डीवीसी चेयरमैन ने शनिवार को स्पष्ट तौर पर कहा कि लुगू पहाड़ पर 1500 मेगावाट के डीवीसी के प्रस्तावित पंप स्टोरेज प्लांट को नहीं लगाया जाएगा. चूंकि राज्य सरकार की कैबिनेट से प्लांट को नहीं लगने देने का प्रस्ताव पास कर लेने के बाद प्लांट लगना संभव नहीं है.
जल्द पूरे होंगे अधूरे प्रोजेक्ट
चेयरमैन ने कहा कि बोकारो थर्मल में एसटीपी एवं ईटीपी के निर्माण को लेकर प्रॉब्लम है, जिसके कारण निर्माण में देरी हो रही है. डीवीसी के ओवरब्रिज निर्माण में हो रहे विलंब के संबंध में उन्होंने कहा कि 14 मई को ईसीआर के हाजीपुर में जीएम के साथ बात हुई है.ओवरब्रिज के सेंट्रल में तीन स्पेन के गार्टर का काम बाकी है जिस पर सहमति बन गई है.तीन माह में बाकी के कार्य को पूरा कर लेने के बाद ओवरब्रिज पूरी तरह से चालू हो जाएगा. कॉलोनी से सड़क को भी डायवर्ट किया जाएगा.
डेढ़ माह में चालू होगा डीवीसी का बेरमो माइंस
चेयरमैन ने कहा कि बेरमो माइंस को लेकर नया माइन प्लान बनाया गया है. डेढ़ माह के अंदर बंद पड़े डीवीसी के बेरमो माइंस को चालू किया जाएगा, जिसमें 140 मिलियन टन कोयला का भंडार है. उन्होंने यह भी बताया कि डीवीसी के वर्तमान ऐश पौंड का एक्सटेंशन किया जाएगा. इसे लेकर टेंडर कर दिया गया है. पूरी संभावना है कि मॉनसून शुरु होने के पहले ही काम शुरु कर दिया जायेगा.
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विस्थापितों को मिलेगा जमीन का पट्टा
उन्होंने कहा कि बोकारो थर्मल के नया बस्ती सहित कोडरमा,तिलैया एवं कोनार डैम के विस्थापितों को जल्द ही जमीन का पट्टा दिया जाएगा. 60-70 वर्षों से मामले को लंबित रखा गया है. पूर्व के डीवीसी प्रबंधन ने अधिग्रहित जमीन के म्यूटेशन का प्रयास ही नहीं किया था.उनके कार्यकाल में इस दिशा में कार्य आरंभ किया गया है और बोकारो के वर्तमान डीसी,बेरमो एवं गोमिया के सीओ से काफी सहयोग मिल रहा है.डीवीसी के नाम से जमीन का पहले म्यूटेशन होने के बाद विस्थापितों को जमीन का पट्टा देने का कार्य किया जाएगा.
कोल इंडिया के साथ ज्वाइंट वेंचर का मिलेगा लाभ
डीवीसी के चेयरमैन ने कहा कि चंद्रपुरा में 800 मेगावाट के दो यूनिट वाले सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट का निर्माण कोल इंडिया के साथ ज्वाइंट वेंचर में किया जा रहा है.कोल इंडिया के साथ ज्वाइंट वेंचर में निर्माण के तहत पावर प्लांट को बेहतर क्वालिटी का कोल मिलेगा.वर्तमान में जो कोल मिल रहा है उसमें ऐश की मात्रा 50 फीसदी है.साथ ही कोल इंडिया के बंद कोयला खदानों का उपयोग छाई भरने में किया जाएगा.कहा कि बोकारो थर्मल का 500 मेगावाट का पावर प्लांट ओवरवायलिंग के बाद शुक्रवार से बेहतर बिजली उत्पादन कर रहा है.
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