बोकारो, बोकारो उत्तरी क्षेत्र के रैयतों व संयुक्त भाकपा माले के बैनर तले विस्थापितों ने अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को उपायुक्त कार्यालय के समीप धरना दिया. मुख्य रूप से मौजूद भाकपा माले के निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि उत्तरी क्षेत्र के छह प्रस्तावित गांवों को पंचायती राज में शीघ्र शामिल किया जाये. श्री चटर्जी ने कहा कि तत्कालीन राज्य सरकार की ओर से लगभग 60 वर्ष पूर्व 10 मिलियन टन चौथे इस्पात कारखाना निर्माण के लिए बोकारो जिले में कुल 49 मौजा का भूमि अधिग्रहण किया गया. इसमें 29 मौजा में दखल लेकर चहारदीवारी करने के बाद प्लांट निर्माण व सेक्टर को बसाया गया. इसमें से 13 मौजा को पंचायती राज में शामिल 2002 में ही कर लिया गया, बाकी बचे सात मौजा यानी कुण्डौरी, शिबुटांड़, पंचौरा, महेशपुर, कन्फटृा, बैधमारा व महुआर को छोड़ दिया गया.
गांवों के लोग विधायक-सांसद तो चुनते है, लेकिन सरकारी सुविधाओं से हैं वंचित
श्री चटर्जी ने कहा कि उक्त मौजा का ना, तो भूमि व ना ही हाउस ब्लॉक का टेक ओवर-हेंड ओवर हुआ. ना ही पूर्ण मुआवजा, नियोजन व पुनर्वास हुआ. लोग जैसे थे, वैसे ही अभी भी बसे है. वर्तमान में लाखों की आबादी इन सात मौजा में निवास करती है. लोग खेती कर जीवन यापन करते है. इन गांवों के लोग विधायक-सांसद तो चुनते है, लेकिन गांव की सरकार जिससे गांव का विकास हो सके उसका अधिकार से वंचित रखा गया है. गांवो में मुलभूत सुविधा जैसे सडक, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि की कमी है.अधिसूचना व गजट प्रकाशित नहीं, लोगो में रोष : चंद्रदेव महतो
सिंदरी से भाकपा माले विधायक चंद्रदेव महतो ने कहा कि गांवों को पंचायती राज से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भौतिक निरीक्षण कर रिपोर्ट बनायी गयी है. इसमें सात मौजा को मिलाकर कुल छह प्रस्तावित पंचायत की जनसंख्या के आधार पर सीमांकन भी किया गया है. लेकिन, अभी तक अधिसूचना व गजट प्रकाशित नहीं किया गया है, जिससे स्थानीय लोगो में काफी रोष है. उत्तरी क्षेत्र के ग्रामीण रैयत के साथ दर्जनों महिला पुरूष-उपस्थित रहे.ये हैं मांगें
उत्तरी क्षेत्र के छह प्रस्तावित गांवों को पंचायती राज में शामिल करने के लिए अधिसूचना व गजट प्रकाशित करने, उत्तरी क्षेत्र के ग्रामीण रैयतों के नाम से लगान रसीद काटना शुरू करने, शहीद प्रेम महतो के परिजनों को न्याय देने, बोकारो स्टील प्लांट से अप्रेंटिस किये अभ्यर्थियों को अविलंब नियोजन देने, बीएसएल में चतुर्थ श्रेणी आरक्षित करने आदि करने की मांग शामिल है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

