रंजीत कुमार, बोकारो, सदर अस्पताल बोकारो में पहले की तरह एक ही शिफ्ट में ओपीडी सेवा का लाभ आम जनता को मिलेगा. दो शिफ्ट का झंझट खत्म कर दिया गया है. यह कदम आम जनता की परेशानी को देखते हुए उठाया गया है. दूर-दराज से आनेवाले मरीजों को दिन भर ओपीडी सहित अन्य सुविधाओं का लाभ मिलेगा. किसी तरह की परेशानी नहीं होगी. चिकित्सक पूरी ईमानदारी के साथ एक शिफ्ट में काम करेंगे. मुख्यालय से बाहर रहकर कार्यस्थल पर ड्यूटी करनेवालों चिकित्सकों को चिन्हित किया जा रहा है. हर हाल में मुख्यालय में रहकर ड्यूटी करना होगा. मुख्यालय से बाहर जाने पर सूचना देनी होगी. यह बातें स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी ने बोकारो परिसदन में बुधवार को ‘प्रभात खबर’ से विशेष बातचीत में कही. मौके पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर, सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद, एपीडेमोलॉजिस्ट पवन श्रीवास्तव, प्राइवेट हॉस्पिटल वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष कुमार प्रभात रंजन्र, प्रदीप कुमार आदि मौजूद थे.
डॉ अंसारी ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सक की ड्यूटी रात्रि पाली में नहीं लगेगी. विशेषज्ञ चिकित्सक केवल दिन के ही ओपीडी में अपनी सेवा देंगे. जरूरत के अनुसार किसी भी दिन इमरजेंसी में उनकी सेवा रात्रि पाली में ली जा सकती है. स्वास्थ्यकर्मी भी ड्यूटी रोस्टर का शत-प्रतिशत पालन करेंगे. चिकित्सकों या स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा मरीजों को प्रदान की जानेवाली स्वास्थ्य सेवा में किसी तरह की कोई कोताही बर्दाश्त नहीं की जायेगी. कोताही की शिकायत मिलने पर जांच करायेंगे. जांच में दोषी मिलने पर संबंधित चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी को विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बीड व्यवस्था की गयी है शुरू
सदर अस्पताल बोकारो मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित किया जा रहा है. अस्पताल कैंपस में कई तरह के ब्लॉक का निर्माण कराया जा रहा है. जो निकट भविष्य में आम जनता के लिए हितप्रद होगा. अस्पताल में जल्द ही सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीन लगेगी. तैयारी अंतिम चरण में है. इसके अलावा अत्याधुनिक लैब भी स्थापित किया जायेगा. आम जनता को एक ही छत के नीचे सभी तरह की स्वास्थ्य सुविधा हासिल होगी. इसके लिए दूसरे प्रदेश के अस्पतालों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए लगातार रात्रि को सदर अस्पताल का औचक निरीक्षण करता हूं. चिकित्सकों की कमी दूर करने के लिए बीड व्यवस्था शुरू की गयी है. कई अस्पतालों में चिकित्सक पदस्थापित भी कर दिये गये है. जल्द ही अन्य मानव संसाधन की कमी को दूर कर लिया जायेगा.
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