बोकारो, बोकारो विस्थापित अधिकार मंच व बोकारो जिला कांग्रेस कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में बोकारो इस्पात संयंत्र से विस्थापित ग्रामों को पंचायती राज प्रणाली में सम्मिलित करने के लिए दर्जनों विस्थापितों ने सोमवार को जिला मुख्यालय का घेराव कर अपना आक्रोश दर्ज कराया. नेतृत्व बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने किया. आंदोलन को इंडिया गठबंधन के घटक दलों का समर्थन था. विधायक श्रीमती सिंह ने कहा कि यह आक्रोश किसी एक दिन का परिणाम नहीं, बल्कि 60 वर्षों से जारी अन्याय का प्रतिफल है. विस्थापितों का आक्रोश है. हमारी स्पष्ट मांग है कि बोकारो इस्पात संयंत्र से विस्थापित गांवों को तत्काल प्रभाव से पंचायती राज प्रणाली में सम्मिलित किया जाये.
बुनियादी सुविधाओं व सरकारी योजनाओं से वंचित है 50,000 से अधिक आबादी
विधायक श्रीमती सिंह ने कहा कि कि 1964 में बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना के समय विस्थापित गांवों के निवासियों ने राष्ट्र के पुनर्निर्माण के लिए और बिना किसी विरोध के अपनी जमीनें दीं, ताकि विकसित भारत और विकसित बोकारो बनाया जाये. लेकिन, आज तक यह गांव ना तो किसी पंचायत में शामिल किये गये हैं और न ही किसी नगर निकाय में. परिणामस्वरूप, लगभग 50,000 से अधिक की आबादी आज भी बुनियादी सुविधाओं, सरकारी योजनाओं से वंचित है. जबकि लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ये वोट देते हैं.विस्थापित नागरिकों के संवैधानिक व मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन
विधायक ने कहा कि कि यह स्थिति केवल प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि विस्थापित नागरिकों के संवैधानिक व मौलिक अधिकारों का खुला उल्लंघन है. विस्थापित अप्रेंटिस आंदोलन में शहीद प्रेम महतो के परिजन को नौकरी व शहीद प्रेम महतो के प्रतिमा व पार्क के लिये 20 डिसमिल भूमि दी जाये. सेल प्रबंधन, जनप्रतिनिधि व जिला प्रशासन के साथ वार्ता में आश्वासन मिला है.ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो होगा उग्र आंदोलन
विधायक ने कहा कि यदि शीघ्र ही ठोस निर्णय नहीं लिया गया, तो विस्थापित बड़े पैमाने पर उग्र आंदोलन के लिए पुनः बाध्य होंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी बोकारो जिला प्रशासन व सेल प्रबंधन की होगी. मौके पर उमेश गुप्ता, सुनिता देवी, मृत्युंजय शर्मा, जवाहर महथा, हीरा लाल मांझी, विस्थापित परिवार के राधु राय, राज कुमार सिंह, हसनाउला अंसारी, राम लाल महतो, काली मंडल, सब्बीर, महेंद्र महतो, काली मंडल, झाड़ी महतो, मनोज कुमार, अनीता रजवार, सुशील ओझा, हवलदार, शुक्र केवट आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

