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Bokaro News : कसमार में बीडीओ, प्रखंड प्रमुख में बढ़ी तकरार, आरोप-प्रत्यारोप तेज

Bokaro News : प्रमुख ने कहा : 15 फर्जी योजनाएं बनाकर 35 लाख रुपये का किया गया गबन, बोलीं बीडीओ : किसी प्रमुख से फर्जी हस्ताक्षर नहीं कराया जा सकता.

कसमार, 15वें वित्त योजना के अंतर्गत विकास योजनाओं के क्रियान्वयन को ले कर कसमार बीडीओ एवं प्रखंड प्रमुख के बीच तकरार बढ़ गयी है. दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर कई आरोप लगाये हैं.

कसमार की प्रखंड प्रमुख नियोती कुमारी ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि 15 योजनाओं में लगभग 34 लाख रुपये की गड़बड़ी की गयी है. उन्होंने बताया कि इन योजनाओं में लाभुक समिति को 60:40 के अनुपात में भुगतान किया जाना था, लेकिन नियमों की अनदेखी करते हुए एकमुश्त 90% राशि एजेंसी के खाते में भेज दी गयी, जबकि यह तभी संभव है जब एई एवं जेई दोनों का हस्ताक्षर अभिलेखों में हो. लेकिन किसी भी अभिलेख में ऐसा नहीं है. प्रमुख के अनुसार जिन योजनाओं के नाम पर यह गड़बड़ी हुई है, उनमें हिसीम पंचायत में जलमीनार, दुर्गापुर पंचायत में जलमीनार, कस्तूरबा विद्यालय में पेयजल की व्यवस्था शामिल हैं. प्रमुख ने आरोप लगाया कि इन योजनाओं के अभिलेखों में उनके फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग भी किया गया है. 16 जुलाई को पंचायत समिति की बैठक तो हुई थी, लेकिन किसी योजना का अनुमोदन नहीं हुआ था. कार्यादेश में केवल लाभुक समिति लिखा गया है , जबकि न तो बिल वाउचर है और न ही एफटीओ. प्रेस वार्ता में पंसस नागेंद्र नायक, मंजू देवी, जगेश्वर मुर्मू, प्रिया देवी, दिलीप कुमार महतो, इंद्रजीत पांडेय, राजेश कुमार, शिशुपाल महतो, रवि रजवार, नीरज भट्टाचार्य आदि शामिल थे.

संचिका में छेड़छाड़ की आशंका : बीडीओ

कसमार बीडीओ नम्रता जोशी ने फर्जीवाड़ा के सभी आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताया है. उन्होंने कहा कि सभी योजनाओं पर काम नियम संगत तथा अधिकारियों एवं प्रमुख की सहमति और दिशा निर्देश पर ही हुआ है. बीडीओ ने कहा कि प्रमुख के फर्जी हस्ताक्षर का उपयोग का आरोप भी बिल्कुल निराधार है. पहले तो प्रमुख के हवाले से यह बात आई कि जबरन हस्ताक्षर कर लिया गया है. किसी प्रमुख से न तो जबरन हस्ताक्षर कराया जा सकता है न फर्जी हस्ताक्षर संभव है. प्रमुख ने सभी अभिलेखों को अनाधिकृत तौर पर 7 दिन अपने पास रखा है. इन सात दिनों में अभिलेखों के साथ क्या छेड़छाड़ की गई है यह नहीं कहा जा सकता. इस बारे में डीसी और डीडीसी को भी उन्होंने अवगत कराया था.

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