सुनील तिवारी, बोकारो, आतंक के खिलाफ भारत की ओर से चलाये गये ऑपरेशन सिंदूर में योगदान के लिए वायु सेना के चार अधिकारियों को सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है. इनमें वायु सेना के वाइस चीफ मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी का नाम भी शामिल हैं. नर्मदेश्वर तिवारी का बोकारो स्टील प्लांट (बीएसएल) से गहरा रिश्ता है. नर्मदेश्वर तिवारी बीएसएल के पूर्व प्रबंधक एचआरडी चंद्रमौली प्रसाद तिवारी के पुत्र हैं. सेक्टर वन स्थित संत जेवियर स्कूल से 10वीं तक की पढ़ाई पूरी की है. बता दें कि श्री तिवारी सहित वेस्टर्न एयर कमांडर एयर मार्शल जीतेंद्र मिश्रा और डीजी एयर ऑपरेशंस एयर मार्शल अवधेश भारती सहित चार भारतीय वायु सेना अधिकारियों को ऑपरेशन सिंदूर के लिए सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है.
सीवान जिले के हैं मूल निवासी
नर्मदेश्वर तिवारी को उपलब्धि से बोकारोवासी व बीएसएल गौरवान्वित हैं. वह बिहार के सीवान जिले के गुठनी प्रखंड के श्रीकलपुर गांव के निवासी हैं. श्री तिवारी ने दो मई 25 को भारतीय वायुसेना के उप प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला. राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में शामिल होने से पहले देहरादून के राष्ट्रीय भारतीय सैन्य कॉलेज से स्कूली शिक्षा पूरी की.
नर्मदेश्वर तिवारी को मिले हैं कई पुरस्कार व सम्मान
श्री तिवारी ने जून 1985 में राष्ट्रपति के स्वर्ण पदक के साथ एनडीए से उत्तीर्णता प्राप्त की. सात जून 1986 को भारतीय वायु सेना में लड़ाकू पायलट में नियुक्त हुए. श्री तिवारी को विभिन्न प्रकार के विमानों पर 3600 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव है. वायु सेना उप प्रमुख का पदभार ग्रहण करने से पहले, एयर मार्शल श्री तिवारी दक्षिण पश्चिमी वायु कमान में एयर ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ थे. एयर मार्शल श्री तिवारी को 2025 में राष्ट्रपति पुरस्कार परम विशिष्ट सेवा पदक, 2022 में अति विशिष्ट सेवा पदक और 2008 में वायु सेना पदक से सम्मानित किया गया. अब उन्हें सर्वोत्तम युद्ध सेवा पदक से सम्मानित किया गया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

