बोकारो: बोकारो में जितने माफिया शिक्षा विभाग में सक्रिय है उतने शायद ही किसी दूसरे विभाग में. विवाद, घोटाला, गबन और एफआइआर से शिक्षा विभाग की दोनों इकाई जिला शिक्षा अधीक्षक और जिला शिक्षा पदाधिकारी का कार्यालय का चोली दामन का साथ रहा है. नतीजतन बोकारो में शिक्षा विभाग जितना बच्चों का भविष्य नहीं सुधार सका उससे ज्यादा घोटालेबाजों की चांदी रही. घोटालों का साइज करोड़ों में हर बार रहा है.
हर महीने छोटे-बड़े मामले सामने आते रहते हैं. फिलहाल चावल और गरीब बच्चों की छात्रवृत्ति लूट की जांच में पुलिस लगी हुई है. छात्रवृत्ति घोटाले की राशि गबन करने वाला मास्टर माइंड पुलिस की गिरफ्त से बाहर है, वहीं चावल घोटाले में पुलिस दावा कर रही है कि दो दिन में हो गिरफ्तारी जायेगी.
दो बैंकों की जांच पूरी : पुलिस ने छात्रवृत्ति घोटाले का जांच करते हुए दो बैंक आंध्रा और कॉरपोरेशन बैंक की सारी फाइलें खंगाल ली है. दोनों बैंकों को मिला कर करीब 45 लाख से ज्यादा की गड़बड़ी की बात सामने आयी है. आंध्रा बैंक में करीब 30 लाख और कॉरपोरेशन बैंक में 16 लाख से ज्यादा की हेर-फेर की खबर है. पुलिस का कहना है कि अभी बस दो बैंको की ही जांच पूरी हो सकी है. ग्रामीण क्षेत्रों को मिला कर करीब 15 बैंकों की जांच बाकी है.
चास डीएसपी बी कुल्लू ने बताया कि 136 स्कूलों में छात्रवृत्ति बंटनी थी. कुछ लोगों ने मिल कर इसकी बंदरबांट कर ली है. कहा : जांच में अब-तक पांच लोगों की संलिप्तता साफ तौर से नजर आ रही है. इसमें से ज्यादातर शिक्षक हैं. अभी जांच में एक हफ्ता और लगेगा. इसके बाद एसपी को रिपोर्ट सौंपी जायेगी. वहीं सिर्फ दो बैंकों की जांच के बाद कयास लगाया जा रहा है कि छात्रवृत्ति घोटाला एक करोड़ से ज्यादा है. विभाग ने अब तक इस मामले पर किसी पर कार्रवाई नहीं की है. पुलिस जांच में मास्टर माइंड अनिल का नाम आने के बाद भी उसे निलंबित नहीं किया गया है. पुलिस उसकी खोजबीन में जुटी हुई है.