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पारा शिक्षक: कैबिनेट में उठा मामला, मानदेय बढ़ाने पर सैद्धांतिक सहमति

रांची: सरकार ने कुछ शर्तो के साथ मदरसों को अनुदान देने और पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी. शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला किया गया. पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का मामला झारखंड शिक्षा परियोजना की कार्यकारिणी परिषद में रखने की बात कही गयी है. इसके […]

रांची: सरकार ने कुछ शर्तो के साथ मदरसों को अनुदान देने और पारा शिक्षकों के मानदेय बढ़ाने पर सैद्धांतिक सहमति प्रदान कर दी. शनिवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इसका फैसला किया गया. पारा शिक्षकों का मानदेय बढ़ाने का मामला झारखंड शिक्षा परियोजना की कार्यकारिणी परिषद में रखने की बात कही गयी है. इसके अध्यक्ष मुख्य सचिव होते हैं. इसमें केंद्र और राज्य सरकार के प्रतिनिधि भी शामिल होते हैं. यह कार्यकारिणी ही तय करेगी कि पारा शिक्षकों का मानदेय कितना बढ़ेगा. राशि तय होने के बाद इसे दोबारा कैबिनेट में रखा जायेगा.

शर्तो के साथ मदरसों को अनुदान : कैबिनेट ने संताल परगना के करीब 343 मदरसों को अनुदान देने का रास्ता साफ कर दिया. राज्य में सबसे अधिक मदरसा संताल परगना में ही है. पर मदरसा के नाम से जमीन निबंधित नहीं होने के कारण अब तक उन्हें अनुदान नहीं मिल पा रहा था. अब सरकार ने अनुदान प्राप्त करने के लिए मदरसों को जमीन संबंधी शर्त से छूट दे दी है. अब मदरसों को निजी जमीन या संस्था की जमीन होने पर भी अनुदान मिलेगा. पर इसके लिए अंचल अधिकारी से यह रिपोर्ट ली जायेगी कि जमीन पर मदरसा कब से संचालित हो रहा है. जमीन को लेकर कही एसपीटी एक्ट का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है. सारी पहलुओं को देखने के बाद ही अनुदान दिया जायेगा. हालांकि सरकारी जमीन पर संचालित मदरसों को इसका लाभ नहीं मिलेगा.

सीएमओ ने लौटायी फाइल
पारा शिक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) ने योजना विकास विभाग को वापस भेज दिया है. प्रस्ताव को अस्पष्ट बताया है. कई बिंदुओं पर और जानकारी मांगी है. इसके बाद ही मानदेय बढ़ोतरी की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से प्रस्ताव वापस किये जाने के बाद योजना विकास विभाग ने शनिवार को इसे मानव संसाधन विकास विभाग को भी लौटा दिया है. मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिन बिंदुओं पर जानकारी मांगी है, पूर्व में विकास आयुक्त ने भी इन्हीं बिंदुओं को आधार बना कर प्रस्ताव मानव संसाधन विभाग को वापस भेजा था.

इसके बाद मानव संसाधन विभाग ने आनन-फानन में विकास आयुक्त की ओर से उठाये गये बिंदुओं पर जवाब तैयार कर प्रस्ताव दोबारा योजना विकास विभाग को भेजा था. पूर्व विकास आयुक्त एके सरकार ने भी बिना होमवर्क के यह प्रस्ताव तैयार करने की बात कही थी.

शिक्षा मंत्री ने 21 सितंबर को की थी घोषणा
शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने 21 सितंबर को पारा शिक्षकों के मानदेय में पांच हजार रुपये बढ़ोतरी की घोषणा की थी. इसके बाद विभाग ने मानदेय बढ़ोतरी का प्रस्ताव योजना विकास विभाग को भेजा था. योजना विकास विभाग ने कई बिंदुओं पर जानकारी मांगते हुए प्रस्ताव को वापस लौटा दिया था. इसके बाद शिक्षा विभाग की ओर से फिर से प्रस्ताव योजना विकास विभाग को भेजा गया था. इससे संबंधित फाइल 29 अक्तूबर से मुख्यमंत्री कार्यालय में थी.

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