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कराहता रहा मरीज, नहीं पहुंचे डॉक्टर

कहते हैं चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होते हैं, लोगों को उम्मीद रहती है कि डॉक्टर साहब उनकी जान बचा लेंगे. लेकिन इन तमाम विशेषणों से उलट, भगवानपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां के डॉक्टर इलाज के दौरान अक्सर गायब रहते हैं. मंगलवार शाम को लोगों का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने […]

कहते हैं चिकित्सक भगवान का दूसरा रूप होते हैं, लोगों को उम्मीद रहती है कि डॉक्टर साहब उनकी जान बचा लेंगे. लेकिन इन तमाम विशेषणों से उलट, भगवानपुर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है, जहां के डॉक्टर इलाज के दौरान अक्सर गायब रहते हैं. मंगलवार शाम को लोगों का सब्र का बांध टूट गया और उन्होंने जम कर अस्पताल परिसर में ही जम कर हंगामा किया.

हाजीपुर/भगवानपुर : भगवानपुर पुलिस एनएच 77 पर दुर्घटना में गंभीर रूप से मोटरसाइकिल सवार दो युवक घायल हो गये . घायलों को लोग स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले गये. लेकिन जिस उम्मीद के साथ लोग घायल को वहां इलाज कराने के लिए ले गये, वहां डॉक्टर साहब की मौजूदगी ही नहीं थी. इंतजार की जब इंतेहा हो गयी तो, लोगों का सब्र का बांध टूट गया, और अस्पताल परिसर में हंगामा करना शुरू कर दिया. वहीं घायलों के साथ पहुंची पुलिस भी घायल युवक को अस्पताल पहुंचा कर चलती बनी.
वहीं अस्पताल कर्मी ने बताया कि रेफर करने वाला भी अभी कोई नहीं है. घायल युवक द्वारा दिये गये फोन नंबर पर उपस्थित लोगों ने इसकी सूचना पटना स्थित उसके घर परिजनों को दी. परिजनों ने सूचना मिलते ही आनन-फानन में केंद्र पर पहुंच घायल युवक को इलाज के लिए अपने साथ लेकर पटना चले गये. वहीं चिकित्सकों की लापरवाही का एक और आलम देखने को मिला यहां. केंद्र पर उपस्थित कर्मी अमित कुमार ने बताया कि शाम छह बजे तक महिला चिकित्सक द्वारा 17 महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया और ऑपरेशन के बाद उक्त महिला चिकित्सक अपनी ड्यूटी समाप्त होते चली गयी. इसके बाद से कोई चिकित्सक नहीं पहुंच पाये. इधर ऑपरेशन के बाद महिला मरीज भी अस्पताल के फर्श पर पड़ी रही और उन मरीजों को देखने वाला भी कोई चिकित्सक नहीं थे.चिकित्सक के अनुपस्थिति के लिए प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, भगवानपुर से फोन पर पूछे जाने पर टाल मटोल जैसी बातें बताई गयी . वहीं सिविल सर्जन इंद्रदेव रंजन, वैशाली से पूछे जाने पर बताया कि अनुपस्थित चिकित्सक का वेतन काटने के साथ ही उनसे अनुपस्थिति का कारण भी पूछा जायेगा, जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ही चिकित्सक नहीं रहते हैं तो प्रखंड क्षेत्र के उपस्वास्थ्य केंद्र और अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र की हालात कैसी होगी. इसी से अंदाजा किया जा सकता है. लोग बताते है कि स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शाम ढ़लते चिकित्सक विहिन हो जाता है. इसके लिए पूर्व में भी कई बार स्थानीय लोगों से लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा केंद्र में हंगामा करते हुए वरीय अधिकारियों को मौके पर ही सूचना भी दी गयी थी. आज तक केंद्र पर रात्रि बेला में चिकित्सक की उपस्थिति सुनिश्चित नहीं हो सकी.

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