गोरौल : प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के कार्यालय के मनमाने रवैये के कारण प्रखंड अधीन उत्क्रमित मध्य विद्यालय रसूलपुर शमसुद्दीन में शांत पड़ा मामला फिर से मंगलवार को गरमा गया. दो-तीन माह पूर्व दो शिक्षक-शिक्षिका पर मोबाइल में उलझे रहने का आरोप लगाते हुए अभिभावकों ने हंगामा किया था. 10 के बाद दोनों पर कार्रवाई करते हुए उन्हें हटा दिया गया था लेकिन दोनों को फिर से वापस विद्यालय में तैनात करने पर अभिभावक हंगामा करने लगे.
घटनास्थल पर लोगों ने बताया कि विद्यालय के प्रभारी राकेश रंजन और शिक्षिका आभा कुमारी टू के गलत रवैये से परेशान होकर दुर्गापूजा के करीब छात्रों-अभिभावकों ने विद्यालय में तालाबंदी कर हंगामा किया था. इसके बाद जिला शिक्षा कार्यालय ने विद्यालय के शिक्षक राकेश रंजन, शिक्षिका आभा कुमारी टू सहित कई शिक्षकों को विद्यालय से दूर दूसरे विद्यालय में भेज दिया था. प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुशील कुमार ने जिला शिक्षा कार्यालय के आदेश और मामला को शांत करने के लिए तीन शिक्षक, शिक्षिका को प्रतिनियुक्ति पर लेकर स्कूल से हटा दिया. हालांकि बीइओ द्वारा एक शिक्षक को नहीं हटाने पर हंगामा चलता रहा,
लेकिन स्थानीय जनप्रतिनिधि द्वारा हस्तक्षेप और प्रखंड शिक्षा कार्यालय के सहमति पर मामला दबा दिया गया था. अचानक प्रखंड शिक्षा कार्यालय द्वारा रसूलपुर शमसुद्दीन से हटाये राकेश रंजन और दो शिक्षिका का पदस्थापन विद्यालय में 13 जनवरी को कर दिया गया. वापस आने पर ग्रामीणों का गुस्सा उबल पड़ा. घटनास्थल पर ग्रामीण सुबोध, महेश सहित अन्य लोगों ने बताया कि शिक्षक राकेश रंजन और शिक्षिका को पढ़ाने से कोई मतलब नहीं है. उनका आरोप था कि वापस आये शिक्षक और शिक्षिकाएं पढ़ाई से मतलब नहीं रखते हैं. वे केवल मोबाइल पर ही उलझे रहते हैं. इससे बच्चों की पढ़ाई बाधित होती है. मामले में प्रभारी शिक्षक राकेश रंजन से जब पूछताछ की गयी, तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार किया. वहीं, सीआरसी अशोक कुमार ने मोबाइल बंद कर लिया, तो प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुशील जिला में बैठक में रहने की कह कर बात करने से इनकार कर दिया. जिला शिक्षा पदाधिकारी से जब जानकारी ली गयी, तो उन्होंने मामले की जांच कर जल्द ही दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.