– पीड़ित महिलाओं ने डीएम व एसपी को दिया आवेदन सुपौल जिले में फाइनेंस कंपनियों द्वारा सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं के साथ किए गए बड़े वित्तीय फर्जीवाड़े का मामला सामने आया है. इन कंपनी पर लोन देने के नाम पर कर्मचारी व शाखा प्रबंधक एवं रोकड़पाल के द्वारा 01 लाख 50 हजार रूपया प्रति महिला को किफायती दरों पर लोन देने के लिए प्रोंसेसिंग चार्ज के रूप में 5000 हजार रूपया लिए. लोन लेने के लिए पांच सौ से अधिक महिलाओं से राशि भी ली गयी. इस मामले को लेकर सोमवार को दर्जनों पीड़ित महिलाओं ने समाहरणालय पहुंचकर जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक और सदर थाना अध्यक्ष को आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है. आवेदन में बताया गया है कि दोनों कंपनियों के कर्मचारियों और शाखा प्रबंधकों ने हर महिला से 5,000 रुपये प्रोसेसिंग चार्ज के रूप में यह कहकर वसूले कि उन्हें किफायती दरों पर 01 लाख 50 हजार लाख रुपये का लोन मिलेगा. महिलाओं को 21 अप्रैल 2025 को लोन की राशि देने की तिथि भी बताई गई थी. लेकिन जब महिलाएं निर्धारित तिथि पर कंपनी के कार्यालय पहुंचीं तो वहां ताला लटका हुआ मिला. लोरिक विचार मंच के प्रदेश संयोजक डॉ अमन कुमार ने कहा कि इन माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा आम जनता की मेहनत की कमाई को लूटा जा रहा है. गरीब, लाचार महिलाओं को लोन के नाम पर ठगकर शोषण किया जा रहा है. यह सीधे तौर पर भारतीय रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों की अवहेलना है. प्रशासन और सरकार को इस पर अविलंब कठोर कार्रवाई करनी चाहिए. पीड़ित महिलाओं ने इस पूरे फर्जीवाड़े मामले में एफआईआर दर्ज कर दोषियों की गिरफ्तारी और ठगी की गई राशि की वापसी की मांग की है.
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