– डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर भी विस्तार से की गयी चर्चा सुपौल, भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा मान्यता प्राप्त माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं के राष्ट्रीय स्व-नियामक संगठन माइक्रोफाइनेंस इंडस्ट्री नेटवर्क (एमएफआईएन) के तत्वावधान में सोमवार को समाहरणालय स्थित लहटन चौधरी सभागार में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य माइक्रो फाइनेंस से जुड़ी जानकारी देना, नागरिकों को वित्तीय रूप से सशक्त बनाना और डिजिटल धोखाधड़ी से सतर्क करना था. कार्यक्रम में जिले के अग्रणी बैंक प्रबंधक अमित कुमार ने कहा समय पर ऋण भुगतान से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है, जिससे भविष्य में आसानी से ऋण प्राप्त किया जा सकता है. यह आर्थिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करता है. उन्होंने सरकार की विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी साझा की. नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक (डीडीएम) मो नयाज ने एमएफआईएन तथा माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कार्यों की सराहना की. उन्होंने खासकर महिलाओं से अपील की कि वे अपनी जरूरत और चुकाने की क्षमता को ध्यान में रखते हुए ही लोन लें और समय पर भुगतान करें. एमएफआईएन के रीजनल हेड संजय कुमार ने जानकारी दी कि सुपौल-समस्तीपुर क्षेत्र में कुल 27 माइक्रो फाइनेंस कंपनियां कार्यरत हैं, जो सभी भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित हैं. उन्होंने कहा, वित्तीय साक्षरता जीवन का अहम हिस्सा है. इस प्रकार के कार्यक्रम लोगों को अपने आर्थिक लक्ष्य हासिल करने में मदद करते है. उन्होंने यह भी बताया कि क्षेत्र में कुछ अनधिकृत व्यक्तियों द्वारा फैलाई जा रही भ्रांतियों के मद्देनजर यह कार्यक्रम और भी आवश्यक हो गया था. वरिष्ठ उपसमाहर्ता (बैंकिंग) ने नागरिकों से अपील की कि किसी भी शिकायत की स्थिति में वे अपने लोन कार्ड पर दिए गए ग्राहक शिकायत निवारण नंबर या एमएफआईएन के टोल-फ्री नंबर पर संपर्क करें और जिला प्रशासन को भी सूचित करें. कार्यक्रम में डिजिटल धोखाधड़ी से बचाव के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने नागरिकों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना देने का आग्रह किया.
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