त्रिवेणीगंज. लंबे इंतजार के बाद शनिवार को सुपौल-अररिया-गलगलिया रेल परियोजना के तहत अमहा पिपरा से त्रिवेणीगंज स्टेशन तक रेलवे के मुख्य संरक्षा आयुक्त (सीआरएस) सुमित सिंघल ने गहन निरीक्षण किया. इस दौरान डीआरएम ज्योति प्रकाश मिश्र, एडीआरएम आलोक कुमार झा, चीफ इंजीनियर आरएन रॉय समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे. निरीक्षण सुबह 11:30 बजे अमहा पिपरा स्टेशन से शुरू हुआ और 03 मोटर ट्रॉली के जरिए सीआरएस दल ने पूरे ट्रैक, पुल-पुलियों, मेजर ब्रिज, लेवल क्रॉसिंग और स्टेशनों की बारीकी से जांच की. गहन निरीक्षण के कारण मात्र 11 किमी दूरी तय करने में साढ़े 04 घंटे का समय लगा और टीम दोपहर 3:15 बजे त्रिवेणीगंज पहुंची. इसके बाद विशेष ट्रेन से स्पीड ट्रायल भी किया गया. सुरक्षा पर कड़ा जोर सीआरएस ने निरीक्षण के दौरान कुछ स्थानों पर सुधार की जरूरत बताते हुए कंस्ट्रक्शन विभाग को दिशा-निर्देश दिए. हालांकि समग्र रूप से वे निर्माण कार्य से संतुष्ट दिखे. डीआरएम ज्योति प्रकाश मिश्र ने कहा कि यह भारतीय रेल के लिए ऐतिहासिक क्षण हैृ जिन इलाकों तक अब तक रेल नहीं पहुंची थी, वहां रेल सेवा उपलब्ध कराने का प्रयास हो रहा हैृ सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है, किसी भी खामी को दुरुस्त किया जाएगा. रिपोर्ट आने के बाद ही ट्रेन परिचालन पर अंतिम निर्णय होगा. निरीक्षण के मौके पर स्थानीय विधायक वीणा भारती, मुख्य पार्षद संगीता कुमारी यादव, जदयू नेत्री पूनम पासवान, सांसद प्रतिनिधि डीके यादव ने सीआरएस और अधिकारियों का मिथिला परंपरा अनुसार पाग, शॉल और फूलमाला से स्वागत किया. इस बीच रेलवे से प्रभावित 65 परिवार, जिन्हें अब तक मुआवजा नहीं मिला है, अपनी फरियाद लेकर पहुंचे. इस पर डीआरएम ने स्पष्ट किया कि मुआवजा राज्य और केंद्र सरकार के स्तर से तय होता है. अगर किसी को असुविधा है तो प्रतिवेदन दें, हम उसे उचित स्तर तक पहुंचाएंगे. निरीक्षण के दौरान स्टेशन परिसर में भारी भीड़ उमड़ पड़ी. बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं निरीक्षण यान और विशेष ट्रेन के साथ फोटो खिंचवाते नजर आए.
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