-कटहारा पंचायत के मध्य विद्यालय कटहारा खतवे टोला में बुधवार दोपहर की घटना -चावल में कीड़ा और मरी हुई छिपकली पाए जाने की बच्चों ने की शिकायत -पांच बच्चों की हालत गंभीर, सदर अस्पताल रेफर छातापुर. कटहारा पंचायत के मध्य विद्यालय कटहारा खतवे टोला में बुधवार को एमडीएम खाने के बाद लगभग पांच दर्जन बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. बच्चों को पेट दर्द और सिर में चक्कर आने की शिकायत के बाद आनन-फानन में स्कूल प्रशासन द्वारा सभी को सीएचसी में भर्ती कराया गया. बताया जाता है कि बीमार बच्चों में पांच की स्थिति गंभीर देख उन्हें सदर अस्पताल रेफर कर दिया गया. रेफर बच्चों में पेट दर्द व सरदर्द की शिकायत थी. शेष बच्चों का इलाज स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में चल रहा है, जहां फिलहाल सभी की स्थिति सामान्य बताई जा रही है. एचएम राजीव कुमार ने बताया कि दोपहर लगभग 12.30 बजे बच्चों को चावल और चना-आलू की सब्जी परोसी गई थी. लगभग डेढ़ सौ बच्चे भोजन कर रहे थे. तभी कुछ बच्चों ने शिकायत की कि चावल में कीड़ा और मरी हुई छिपकली पाई गई. इस पर एचएम ने सभी बच्चों की थाली का भोजन फेंकवा दिया. हालांकि तब तक कई बच्चे खाना खा चुके थे, जिसके कारण कई बच्चों की तबीयत बिगड़ गई. वहीं छात्राओं ने बताया कि कक्षा चार की छात्रा रितु कुमारी, सोनाक्षी कुमारी और साक्षी प्रिया को पेट दर्द और चक्कर आने लगा. कक्षा छह की स्मिता कुमारी ने बताया कि उनकी थाली में मरी हुई छिपकली मिली है. उधर, घटना की जानकारी मिलते ही बीडीओ डॉ राकेश गुप्ता, बीईओ देश कुमार, एचएम राजीव कुमार के अलावा कई जनप्रतिनिधि व ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने बताया कि रितु कुमारी को सबसे पहले बाइक से स्वास्थ्य केंद्र लाया गया, जबकि बाद में एंबुलेंस भेजकर अन्य बच्चों को भी लाया गया. कई अभिभावक अपने बच्चों को निजी साधनों से अस्पताल लेकर आए. बीडीओ ने बताया कि सभी बच्चों की स्थिति अब सामान्य है. पांच बच्चों को रेफर किया गया है. भोजन का नमूना जांच के लिए भेजा जाएगा, ताकि सटीक कारणों को ज्ञात किया जा सके. बीईओ ने कहा कि जांच में एमडीएम संचालन में लापरवाही पाई गई तो जिम्मेदारों पर समुचित कार्रवाई की जाएगी. उधर, विद्यालय में फूड प्वाइजनिंग की घटना के बाद अफरा-तफरी का माहौल बना रहा. कई अभिभावकों ने बताया कि एचएम ने विद्यालय में ताला लगा दिया था और बच्चों को बाहर नहीं निकलने की हिदायत दी गई थी. हालांकि बच्चों द्वारा हल्ला मचाने पर उन्हें बाहर निकलने दिया गया. समाचार प्रेषण तक तीन दर्जन से अधिक बच्चे सीएचसी में इलाजरत थे.
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