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फिर तल्ख हुआ मौसम, उमस भरी गर्मी से लोग परेशान

पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद उमस भरी गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है. लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं. उमस से लोगों का हाल-बेहाल हो रहा है. सोमवार की सुबह से उमसभरी गर्मी में लोग पसीनों से भीगे रहे.

सीवान. पिछले सप्ताह हुई बारिश के बाद उमस भरी गर्मी के कारण जनजीवन प्रभावित हो गया है. लोग घरों से बाहर निकलने से बच रहे हैं. उमस से लोगों का हाल-बेहाल हो रहा है. सोमवार की सुबह से उमसभरी गर्मी में लोग पसीनों से भीगे रहे. दिनभर पुरवा हवा के साथ बादलों की आवाजाही रही. बावजूद इसके गर्मी से लोगों की हालत खराब हो गई. इस बीच तेज धूप से लोग झुलसते रहे. न्यूनतम तापमान 27 और अधिकतम 36 डिग्री सेल्सियस पर रिकार्ड किया गया. हालांकि मौसम विभाग के मुताबिक बारिश की संभावना बनी हुई है. सुबह से ही लोग गर्मी में परेशान हो रहे है. तपिश और उमस के चलते शरीर से पसीना नहीं रूक रहा है. तापमान कम होने के बाद भी गर्मी से लोगों का दम निकल रहा. तमाम प्रयास के बाद भी गर्मी से राहत नहीं मिल पा रही है.उमस और सूर्यदेव की तपिश के चलते लोगों का बुरा हाल हो गया. दिन बढ़ने के साथ धूप के तेवर तीखे हो गए. हालांकि तापमान में कोई खास उतार-चढ़ाव नहीं हुआ. लेकिन गर्मी से लोग बैचेन रहे. दोपहर के समय मौसम में बदलाव देखने को मिला. कभी धूप तो कभी छांव का मौसम बना रहा. बूंदाबादी भी हुई. मौसमी बीमारियों का बढ़ा खतरा बारिश के मौसम शुरू होते ही तरह-तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ने लगी है. इस मौसम में डायरिया, टाइफाइड, वायरल फीवर व मलेरिया सबसे ज्यादा और तेजी से फैलता है.डॉ.संजय गिरी ने बताया कि टाइफाइड और डायरिया खराब खाने-पीने से होता है. इसमें उल्टी-दस्त की समस्या भी रहती है. कुछ बैक्टीरिया वायरल फीवर का कारण भी बन जाते हैं. खान-पान व रहने की बेहतर व्यवस्था के बदौलत बीमारियों से बचा जा सकता है. इस मौसम में हर उम्र के लोगों को थोड़ी सी असावधानी होने पर बीमारी अपने चपेट में ले लेती है. सावधान रहने की जरूरत है. इस मौसम में चिकेनगुनिया, डेंगू, मलेरिया के साथ बच्चों में जेइ-एइएस का खतरा अधिक बढ़ जाता है. लोगों को हर स्तर से सावधान रहने की जरूरत है. खरीफ फसल प्रभावित होने की आशंका से चिंतित हैं किसान बारिश नही होने से किसानों को खरीफ फसल की बोआई की चिंता एक बार फिर सताने लगी है. खरीफ सीजन के दौरान जिले के किसान बड़ी मात्रा में धान की खेती करते हैं. इस स्थिति से किसान खेती को लेकर काफी आशंकित नज़र आ रहे हैं. किसानों को पर्याप्त बारिश के अभाव में अन्य साधनों से सिंचाई कर धान की रोपनी करनी पड़ रही है जो किसानों के लिए काफी महंगा साबित हो रहा है.

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