प्रतिनिधि,सीवान.जिले की 94 समितियों पर कार्रवाई की तलवार लटक रही है.अगर 17 जुलाई तक चावल नहीं दिया गया तो सख्त कार्रवाई होगी.विभाग फिर से ऐसी समितियों के गोदामों का भौतिक सत्यापन कराने की योजना बना रहा है. सत्यापन के दौरान गोदाम में धान नहीं मिलने पर संबंधित समितियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी विभाग द्वारा सीएमआर की आपूर्ति की समय सीमा बढ़ाए जाने के बावजूद कई समितियों की ओर से अब भी ढिलाई बरती जा रही है.जिस पर सहकारिता विभाग अब सख्त रुख अपना रहा है. किसानों से सरकारी दर पर धान खरीदने के बाद कई समितियां चावल की आपूर्ति को लेकर रुचि नहीं दिखा रही हैं, जिससे उन पर ब्याज का बोझ भी बढ़ रहा है.सरकारी खरीद प्रक्रिया के तहत समितियों द्वारा किसानों से खरीदे गए धान की मिलिंग कर तय मात्रा में चावल बनाकर राज्य खाद्य निगम को लौटाना होता है. यह पूरी प्रक्रिया सरकारी खरीद प्रणाली का एक अहम हिस्सा है. इस बार समितियों ने निर्धारित लक्ष्य से अधिक यानी 97,337.428 टन धान की खरीद की है. जिसके हिसाब से उन्हें 66,037.21 टन चावल जमा करना था. अब तक सिर्फ 47,951.894 टन चावल जमा किया गया है, जबकि 16,689.144 टन चावल अब भी बकाया है. इसे लेकर विभाग लगातार समीक्षा कर रहा है. तय समय में आपूर्ति नहीं तो होगी अनुशासनिक कार्रवाई जिला सहकारिता पदाधिकारी सौरभ कुमार ने इस संबंध में पत्र जारी कर कहा है कि 10 जुलाई को सीएमआर आपूर्ति की समीक्षा की गई थी. जिसमें पाया गया कि जिले की कई समितियों के पास अब भी सीएमआर के तीन या उससे अधिक लॉट की आपूर्ति लंबित है. इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए विभाग ने समिति अध्यक्षों और प्रबंधकों को चेतावनी दी है कि अगर तय समय सीमा तक चावल की आपूर्ति नहीं की गई तो संबंधित समितियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी डीसीओ ने सभी प्रखंडों के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को भी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि वे संबंधित समितियों से संपर्क कर 17 जुलाई तक चावल की आपूर्ति कराएं और इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय को उपलब्ध कराएं. जिला सहकारिता पदाधिकारी ने साफ कहा है कि समय पर सीएमआर की आपूर्ति नहीं होने से राज्य खाद्य निगम की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है और सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में भी बाधा आती है. ऐसे में सभी समितियों को चेताया गया है कि वे समय से जिम्मेदारी निभाएं, अन्यथा विभागीय कार्रवाई से बचना मुश्किल होगा. मिलों को धान नहीं भेजने पर सख्त हुआ विभाग, 24 घंटे का अल्टीमेटम खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत धान अधिप्राप्ति के बाद सीएमआर (कस्टम मिल्ड राइस) की प्रक्रिया में गड़बड़ी सामने आने पर जिला सहकारिता विभाग ने सख्त रुख अपनाया है.कुछ मिलों ने राज्य खाद्य निगम को चावल तो दे दिया है, लेकिन उसके बदले अब तक मिलों को धान नहीं भेजा गया है.विभागीय सूत्रों के अनुसार यह स्थिति काफी चिंताजनक है क्योंकि इससे मिलिंग प्रक्रिया प्रभावित हो रही है इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सहकारिता विभाग ने संबंधित समितियों को अंतिम मौका देते हुए 24 घंटे के भीतर धान का मिलों को हस्तांतरण करने का निर्देश दिया है. अगर तय समय सीमा के भीतर स्थानांतरण नहीं हुआ, तो विभाग स्वयं संबंधित गोदामों में जाकर भंडारित धान की जांच करेगा और अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी.साथ ही, विभाग ने सभी प्रखंडों के सहकारिता प्रसार पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित समितियों से जल्द से जल्द धान का स्थानांतरण कराएं और इसकी रिपोर्ट जिला कार्यालय को भेजें. बोले जिला सहकारिता पदाधिकारी खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के तहत धान अधिप्राप्ति के बाद सीएमआर की आपूर्ति को लेकर कई समितियों द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है, जो चिंताजनक है. जिले की 94 समितियों के पास तीन या उससे अधिक लॉट की आपूर्ति लंबित है. विभाग ने सभी समितियों को 17 जुलाई तक चावल आपूर्ति सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.तय समय सीमा के बाद सख्त अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी. वहीं जिन समितियों ने सीएमआर तो दिया है लेकिन मिलों को धान नहीं भेजा है, उन्हें 24 घंटे में स्थानांतरण सुनिश्चित करने को कहा गया है सौरभ कुमार,जिला सहकारिता पदाधिकारी सीवान
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