सीवान. 39 बेड वाला पीकू वार्ड अब मरीजों के लिए जी का जंजाल बन गया है.पीकू वार्ड में डॉक्टर मिलते नहीं और आपात कक्ष में बच्चों का इलाज करने से डॉक्टर द्वारा इंकार कर दिया जा रहा है.परिजन अपने बच्चों का इलाज कराने जाएं तो जाएं कहां. परिजन बच्चों को गोद में लेकर आपात कक्ष से पीकू एवं पीकू वार्ड से एसएनसीयू का चक्कर लगा कर डॉक्टर को ढूंढने में परेशान हो जाते है. जख्मी बच्चे को लेकर करीब डेढ़ घंटे तक भटकते रहे परिजन दरौंदा प्रखंड के पांडेयपुर सहदौली निवासी जावेद हुसैन छत से गिरी ढाई साल की बच्ची का उपचार कराने के लिए अपराह्न करीब साढ़े 12 बजे सदर अस्पताल के आपात कक्ष पहुंचे. स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा ड्रेसिंग करने के बाद डॉक्टर द्वारा बिना पर्ची पर एक दवा लिखे पीकू वार्ड में रेफर कर दिया गया. इसके बाद सिलसिला शुरू हुआ,आपात कक्ष से पीकू वार्ड,पीकू वार्ड से एसएनसीयू .पुनः परिजनों ने आपात कक्ष में आकर बताया गया कि डॉक्टर साहब दोनों में से किसी स्थान नहीं है.तब आपात कक्ष के स्वास्थ्यकर्मियों ने कहा कि पीकू वार्ड के सिस्टर से बोलिए कि डॉक्टर को फोन कर बुलाएं.परिजन फिर पीकू वार्ड गए तो सिस्टर ने बताया कि डॉक्टर साहब ओटी में हैं उनका फोन नहीं लग रहा है.जख्मी बच्ची को लेकर परिजन फिर आपात कक्ष आए तथा डॉक्टर से अनुरोध किया कि कुछ दवाएं लिख दीजिए .डॉक्टर द्वारा पर्ची पर दवा लिखी गई. उसके बाद परिजन बच्ची को लेकर चले गए. क्या कहते हैं जिम्मेदार मैं यह पता करता हूं कि किस डॉक्टर की ड्यूटी थी. पीकू वार्ड एवं एसएनसीयू डॉक्टर नहीं रहने की जांच की जाएगी एवं दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जायेगी. डॉ श्रीनिवास प्रसाद, सिविल सर्जन,सीवान
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