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siwan news : मौनिया बाबा राजकीय मेले का उद्घाटन आज, तैयारी पूरी

siwan news : मेला परिसर और आसपास के इलाके में सुरक्षा की रहेगी पुख्ता व्यवस्थासांसद, विधायक, डीएम, एसपी, एसडीओ व एसडीपीओ रहेंगे मौजूदग्रामीण इलाकों से निकाले जायेंगे दो दर्जन से अधिक महावीरी अखाड़े रात्रि में जुलूस के साथ आकर्षक झांकियों का किया जायेगा प्रदर्शन

महाराजगंज. अनुमंडल मुख्यालय के सिद्ध संत मौनिया बाबा की समाधि स्थल पर लगने वाले उतर बिहार के प्रसिद्ध मौनिया बाबा राजकीय महावीरी झंडा मेले का आगाज शुक्रवार को होगा.

इस दौरान रात्रि में जुलूस के साथ आकर्षक झांकियों का प्रदर्शन किया जायेगा. वहीं, शनिवार को दिन में दो दर्जन से अधिक महावीरी अखाड़े निकाले जायेंगे, जो एक-एक कर मौनिया बाबा मेला परिसर पहुंचेंगे. मेले की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. शहर में मेले को लेकर राजेंद्र चौक, नखास चौक, बाटा मोड़, शहीद स्मारक चौक व मेला परिसर समेत पांच सरकारी मेला नियंत्रण केंद्र बनाये गये हैं. यहां मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किये गये हैं. कला एवं संस्कृति विभाग तथा जिला प्रशासन के तत्वावधान में आयोजित होने वाले मेले का उद्घाटन स्थानीय सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल, विधायक विजय शंकर दूबे, पूर्व विधायक हेमनारायण साह, डीएम डॉ आदित्य प्रकाश, एसपी मनोज तिवारी, एडीएम प्रमोद कुमार, एसडीओ अनीता सिन्हा, एसडीपीओ अमन कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी हरिश्चंद्र, नगर पंचायत के मुख्य पार्षद शारदा देवी, मेला प्रबंध समिति के सचिव इं अशोक कुमार आदि करेंगे. शहर के सभी अखाड़ों के साथ दंडाधिकारी के साथ पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी है.

सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से मेले पर रखी जायेगी नजर

शुक्रवार की शाम पांच बजे मौनिया बाबा समाधि स्थल पर पूजा-अर्चना के बाद मेला नियंत्रण कक्ष का उद्घाटन होगा और मेले का आगाज हो जायेगा. एसडीओ अनीता सिन्हा और एसडीपीओ अमन ने संयुक्त रूप से बताया कि मेले की सारी तैयारी पूरी कर ली गयी है. प्रत्येक चौक-चौराहों पर दंडाधिकारी के साथ पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी है. असामाजिक तत्वों के लिए सादे वेश में भी पुलिस बल लगाये गये हैं. सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से मेले की हर गतिविधियों पर नजर रखी जायेगी. मेला नियंत्रण कक्ष में मेडिकल टीम तैनात रहेगी. कंट्रोल रूम से 24 घंटे मेले की निगरानी होगी. फायर ब्रिगेड को अलर्ट मोड में रहने को कहा गया है. मेला स्थल पर मीना बाजार, लकड़ी की दुकान, विभिन्न प्रकार के झूले, मिठाई की दुकानें आदि सजने लगी हैं.

मेले में शामिल होंगे 22 अखाड़े

मौनिया बाबा मेले में इस वर्ष भी 22 अखाड़े शामिल होंगे, जो अपनी करतब दिखायेंगे. मेले में पसनौली, नवलपुर, कपियां, रामापाली, अभूई, कोथुआ सारंगपुर, फतेपुर, बैदापुर विशुनपुरा, सवान बिग्रह, पकवलिया, बेला गोविंदपुर, रुकुंदीपुर, धनछूआ, उजाय, बंगरा, तेवथा आदि गांव से अखाड़े निकाले जाते हैं.

डीजे व अश्लील नृत्य, गीत, संगीत पर रोक

मौनिया बाबा राजकीय महावीरी झंडा मेले को लेकर एसडीओ अनीता सिन्हा ने आदेश जारी किया है. इसके अनुसार, मौनिया बाबा महावीरी झंडा मेले में अखाड़ा व जुलूस के साथ डीजे व डीजे के माध्यम से अश्लील नृत्य-गीत व संगीत को प्रतिबंधित किया गया है. अखाड़ा व जुलूस के साथ चलने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा शराब, मादक पदार्थ का सेवन प्रतिबंधित है. कर्तव्य पर प्रतिनियुक्त सरकारी पदाधिकारी, पुलिस बल व कर्मी के अतिरिक्त किसी भी व्यक्ति को आग्नेयास्त्र लेकर चलने पर प्रतिबंध है. एसडीओ के आदेश में मेले के दौरान राजनीतिक झांकी की प्रदर्शनी पर रोक लगायी गयी है. वहीं, शहर से लेकर मेला परिसर तक सीसीटीवी व ड्रोन कैमरे से निगरानी की जायेगी.

क्या है मेले का इतिहास

102 वर्षाें से मौनिया बाबा मेले का आयोजन होता आ रहा है. यह मेला स्थल प्राचीनकाल के महान संत शिरोमणि मौनिया बाबा का समाधि स्थल है. यहां प्रत्येक वर्ष दो दिन भादो मास की कृष्ण चतुर्दशी की रात जुलूस व अमावस्या के दिन महावीरी झंडा मेला लगता है. इस मेले की शुरुआत शहर के नागा बाबा मठ के महंत स्वामी महादेव दास एवं उनके गुरु शिष्य भाई कृपालनंद जी महाराज की प्रेरणा से सन 1923 में हुई थी, जो स्वतंत्रता संग्राम से भी जुड़ा था. इस मेले को गुलामी के दौर में शुरू किया गया था. यह मेला गौ रक्षक सिद्ध संत मौनिया बाबा की समाधि स्थल पर लगता है, जिनकी महिमा देश-विदेश में फैली हुई है. संत मौनिया बाबा को गायों की रक्षा का प्रतीक माना जाता है और भक्त यहां गायों के लिए मन्नत मांगते हैं तथा दूध-दही चढ़ाते हैं. महाराजगंज के स्थानीय निवासी द्वारा अपने माथे पर तिलक लगा कर इस अखाड़ा मेले की शुरुआत की गयी थी. मेले को प्रसिद्ध बनाने की कसम खायी थी. इस मेले को बिहार सरकार ने इस वर्ष राजकीय मेले का दर्जा प्रदान किया है. यह ऐतिहासिक घोषणा 102 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद हुआ है. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जनवरी 2025 में अपनी प्रगति यात्रा के दौरान की थी.

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