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झमाझम बारिश से किसानों के खिले चेहरे

मंगलवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आयी है. बारिश ने धान की रोपनी करने के लिए व्याकुल किसानों को काफी राहत दी है. आसमान में उमड़ते काले बादलों से झमाझम हुई बारिश के बाद कई दिनों की तपिश और उमस भरी गर्मी से जहां राहत मिली है. किसानों को बारिश का साथ मिलने से धान की रोपनी में तेजी आ गई है.

संवाददाता ,सीवान. मंगलवार की सुबह हुई झमाझम बारिश से किसानों के चेहरे पर रौनक लौट आयी है. बारिश ने धान की रोपनी करने के लिए व्याकुल किसानों को काफी राहत दी है. आसमान में उमड़ते काले बादलों से झमाझम हुई बारिश के बाद कई दिनों की तपिश और उमस भरी गर्मी से जहां राहत मिली है. किसानों को बारिश का साथ मिलने से धान की रोपनी में तेजी आ गई है.जिला कृषि कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक लक्ष्य के विरुद्ध करीब 92 फीसदी खरीफ फसल का आच्छादन हो गया है. यदि इसी रफ्तार से बारिश का साथ मिला तो निर्धारित लक्ष्य के मुताबिक धान की रोपनी सम्पन्न होगी. अगर तीन-चार दिनों तक और मौसम का साथ किसानों को मिला, तो धान की रोपनी का आंकड़ा तेजी से बढ़ेगा. किसानों ने बताया कि धान के बिचड़े तैयार हो गए थे, लेकिन खेतों में पानी नहीं रहने के कारण धान की रोपनी में तेजी नहीं आ रही थी. थोड़े बहुत किसानों ने मोटर पंप की सहायता से रोपनी की थी. धान की फसल को मिली संजीवनी जो किसान अपने संसाधनों से धान रोपनी कर चुके थे,वे बारिस नही होने से चिंतित थे. झमाझम बारिश से धान की फसल को नया जीवन मिला है. कुछ दिन कड़ाके की हुई धूप और उमस भरी गर्मी के कारण धान की फसल में रोग व खर पतवार पनपने लगा था. जिसके कारण फसलें के तने पीले पड़कर सूखने लगे थे. किसान बच्चा गिरी सहित अन्य लोगों ने बताया कि उमस के कारण फसल पर अन्य मौसमी रोग प्रभावी हो रहे थे, उससे भी अब निजात मिल जायेगी. पिछले एक सप्ताह से क्षेत्र में पड़ रही तीखी धूप और उमस भरी गर्मी के कारण आम जनजीवन भी प्रभावित हुआ था. इस बारिश से राहत मिली है. लक्ष्य से पिछड़ गयी थी खेती जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि जिले में धान की खेती का लक्ष्य एक लाख 47 हजार 269 हेक्टेयर का है. बारिश कम होने की वजह से लक्ष्य का 92 प्रतिशत ही पूरा किया जा सका है. अभी तक 87 हजार 827 हेक्टेयर क्षेत्र में ही धान की रोपनी हुई है.वही खरीफ फसल के एक लाख 24 हजार 495 हेक्टेयर के लक्ष्य के विरुद्ध एक लाख 8 हजार 977 हेक्टेयर में खेती हुई है.इस बारिश से धान की रोपनी का रफ्तार मिलेगी. उम्मीद की जा रही है कि लक्ष्य के अनुसार धान की रोपनी होगी.

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