प्रतिनिधि,सीवान. जिले में कालाजार को जड़ से मिटाने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है. जिले के 97 पंचायतों के 140 राजस्व गांवों में 4,90,401 की आबादी वाले 93,345 घरों के 3,09,588 कमरों में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड का छिड़काव शुरू किया गया है. कार्यक्रम का शुभारंभ सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. नेसार अहमद ने किया. जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया कि कालाजार मुक्त करने के लिए जिले के अति प्रभावित गांवों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वर्तमान में जिले में कालाजार के केवल 38 मरीज बचे हैं, जिनमें 17 विसराल लीशमैनियासिस और 21 पोस्ट कालाजार डरमल लीशमैनियासिस के मामले शामिल हैं. कालाजार का कारण और लक्षण सिविल सर्जन डॉ. श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि कालाजार लिशमेनिया डोनोवानी नामक रोगाणु के कारण होता है, जो बालू मक्खी के काटने से फैलता है. यह रोग एक व्यक्ति से दूसरे में भी संचारित हो सकता है गर्मी में विशेष सतर्कता जरूरी जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. ओम प्रकाश लाल ने कहा कि गर्मी के मौसम में कालाजार से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतनी होगी. यह संक्रामक बीमारी गर्मी में बालू मक्खी के काटने से फैलती है.घरों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना जरूरी है. वर्तमान में जिले में 38 मरीजों की पहचान की गई है, जिनमें विसराल लीशमैनियासिस, पोस्ट कालाजार डरमल लीशमैनियासिस और एचआईवी-वीएल के मामले शामिल हैं. इस अवसर पर सदर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ नेसार, वीडीसीओ विकास कुमार और कुंदन कुमार, बीएचएम गुलाम रब्बानी, बीसीएम सुनीता गिरी, वीबीडीएस जावेद मियांदाद, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी, पिरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम अधिकारी राजेश कुमार तिवारी और पीओसीडी पूर्णिमा सिंह सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे.
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