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स्कूल की मांग को लेकर रोझई के ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन

लोकसभा चुनाव का भी ग्रामीणों ने किया था बहिष्कार, अब विधानसभा चुनाव की तैयारी, ग्रामीणों की मांग. पहले गांव में होगा स्कूल का निर्माण, फिर मतदान

शिवसागर. जिस गांव में डेढ़ दशक पहले तीन गांवों के बच्चे पढ़ने आते थे, आज उसी गांव में भवन, तो दूर स्कूल की भूमि तक उपलब्ध नहीं है. गांव में स्कूल निर्माण और पोखरे की अतिक्रमण हटाने को लेकर ग्रामीणों ने शनिवार को प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कहा कि गांव में जब तक स्कूल का निर्माण नहीं हो जाता है, वोट का बहिष्कार होता रहेगा. शिवसागर प्रखंड मुख्यालय से महज एक किलोमीटर दूरी पर स्थित रोझई गांव है. जो क्षेत्र के सबसे शिक्षित गांवों में से एक माना जाता है. इस गांव में 50 वर्षों से प्राथमिक स्कूल संचालित था. उस समय आसपास के दो गांव गिरधरिया व समहुता गांव के बच्चे भी इसी गांव में पढ़ाई करने आते थे. लेकिन, उक्त दोनों गांव में अपना स्कूल हो गया और रोझई गांव में भूमिदाता द्वारा स्कूल की भूमि छीन ली गयी. इसके बाद से यह स्कूल भूमिहीन हो गया. नतीजा है कि अब यह स्कूल गिरधरिया में शिफ्ट कर दिया गया है. रोझई गांव के छोटे-छोटे नौनिहालों की पढ़ाई स्कूल के अभाव में प्रभावित हो रही है. स्कूल की भूमि उपलब्ध करा भवन निर्माण कराने व गांव में स्थित इकलौता पोखरा जहां छठ समेत कई त्योहार होता है. उसको अतिक्रमणमुक्त करने की मांग को लेकर गांव के लोगों ने विगत एक जून 2024 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार किया था. जहां अधिकारियों के समझाने के बाद ग्रामीण स्कूल निर्माण करने के लिए लिखित आवेदन सौंपा था. ऐसे में रोझई बूथ पर करीब चार घंटे विलंब से मतदान शुरू हो पाया था. अब मामला है कि आवेदन सौंपे करीब डेढ़ वर्ष हो गया. लेकिन, एक भी अधिकारी मामले की जांच में नहीं पहुंचे और न ही किसी अधिकारी ने भूमी खोजने में व स्कूल निर्माण कराने में दिलचस्पी दिखायी. विधानसभा चुनाव बहिष्कार करने का निर्णय किसी अधिकारी ने प्राथमिक स्कूल रोझई की जमीन उपलब्ध करा भवन निर्माण कराने में दिलचस्पी नहीं ली. इसको लेकर गांव के ग्रामीणों ने चार दिन पूर्व एक बैठक की और विधानसभा चुनाव को बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक गांव में स्कूल नही होगा कोई मतदान करने नहीं जायेगा. गांव का मुख्य पोखरा अतिक्रमण से तोड़ रहा दम गांव का इकलौता प्राचीन पोखरा पूरी तरह से अतिक्रमण के जद्द में है. इससे उसके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. पांच वर्ष पूर्व जब जल जीवन हरियाली योजना का शुभारंभ हुआ था, तो लोगों की उम्मीद जगी थी कि शायद प्रशासनिक स्तर से इसका जीर्णोद्धार हो जायेगा. लेकिन, यह पोखरा इन योजनाओं के लिस्ट से बाहर है. इससे अब लोगों को छठ जैसे व्रत करने के लिए दूसरे गांवों के पोखरों का सहारा लेना पड़ता है. कहते हैं अधिकारी लोकसभा चुनाव में रोझई के ग्रामीणों से प्राप्त मांग पत्र के आलोक में उसी समय पत्राचार कर वरीय पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. इस समस्या से जिले के वरीय पदाधिकारी अवगत है, स्कूल निर्माण का मामला वरीय अधिकारियों के भी संज्ञान में है. अशोक कुमार, प्रखंड विकास पदाधिकारी, शिवसागर

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