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सैनिटाइजर खरीदते समय रहें सतर्क, कमीशन के खेल में धडल्ले से बिक रहा नकली माल, हो सकता है जानलेवा…

सासाराम: कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण सैनिटाइजर की मांग बढ़ने पर सरकार ने ट्रग लाइसेंस के दायरे से बाहर कर दिया है. लेकिन, महामारी जैसे संकट में भी अपने कुछ फायदे के लिए जालसाजों ने लोगों को सेहत व जान से खिलवाड़ कर नकली सैनिटाइजर बाजार में उतार दिये. यही कारण है कि आज गलियों से लेकर किराना दुकानों पर हैंड सैनिटाइजर बिकने लगे हैं. इन सैनिटाइजर को बेचने पर दुकानदार को 50 फीसदी तक कमीशन मिल जाता है. ब्रांडेड कंपनी के सैनिटाइजर में 10 से 20 फीसदी तक मिल पाता है. दुकानदारों ने बताया कि सैनिटाइजर बेचने वाला एजेंट कहता है कि माल बिक जायेगा, तभी पेमेंट करना है. इस लालच में दुकानदार काउंटर पर रख कर ऐसे प्रोडक्ट को प्रोमोट कर रहे हैं.

सासाराम: कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के कारण सैनिटाइजर की मांग बढ़ने पर सरकार ने ट्रग लाइसेंस के दायरे से बाहर कर दिया है. लेकिन, महामारी जैसे संकट में भी अपने कुछ फायदे के लिए जालसाजों ने लोगों को सेहत व जान से खिलवाड़ कर नकली सैनिटाइजर बाजार में उतार दिये. यही कारण है कि आज गलियों से लेकर किराना दुकानों पर हैंड सैनिटाइजर बिकने लगे हैं. इन सैनिटाइजर को बेचने पर दुकानदार को 50 फीसदी तक कमीशन मिल जाता है. ब्रांडेड कंपनी के सैनिटाइजर में 10 से 20 फीसदी तक मिल पाता है. दुकानदारों ने बताया कि सैनिटाइजर बेचने वाला एजेंट कहता है कि माल बिक जायेगा, तभी पेमेंट करना है. इस लालच में दुकानदार काउंटर पर रख कर ऐसे प्रोडक्ट को प्रोमोट कर रहे हैं.

बैच नंबर व एक्सपायरी डेट होना अनिवार्य

डॉक्टरों के मुताबिक, यह सैनिटाइजर गंभीर नुकसान पहुंचा सकते हैं. सस्ते हैंड सैनिटाइजर के बोतल पर न बनाने वाला का पता और न कोई जानकारी ही होती है, जबकि निर्माताओं के नाम के साथ पता बैच नंबर व एक्सपायरी डेट होना अनिवार्य है. सैनिटाइजर खरीदें, तो बिल अवश्य लें. इस पर कंपनी का लाइसेंस बैच नंबर अंकित होना चाहिए. अगर, बोतल पर यह जानकारी नहीं है, तो क्वालिटी खराब हो सकते हैं. इससे फायदे के बदले नुकसान हो सकता है. बिल रहने पर दुकानदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है.नकली सैनिटाइजर दे सकता है गंभीर रोग नकली सैनिटाइजर से ऐसे रसायन होते हैं, जो गंभीर रोग दे सकते हैं. जिन हैंड सैनिटाइजर में अल्कोहल कम होता है, उससे ड्राइवलोसन की मात्रा ज्यादा होती है. ड्राइक्लोसन एंटी बैक्टीरिया एजेंट है. क्या खांसी या जुकाम को घातक बना सकता है.

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क्या कहते हैं डॉक्टर

वही ज्यादा अल्कोहल बेस्ड सैनिटाइजर सिंपल व्यक्तियों को सुपर बग में बदल देता है. लंबे समय तक उपयोग से त्वचा को रूखा बना दे सकता है. जलन और फफोले जैसी बीमारियां भी हो सकती हैं. इसके बदले हाथों को 25 सेकेंड तक साबुन से साफ करना बेहद जरूरी है. डॉक्टर निषाद, तार बंगला, डेहरी ऑनसोन सैनिटाइजर के उत्पाद को लेकर ड्रग लाइसेंस के दायरे से बाहर होने से बाजार में नकली हैंड सैनिटाइजर खुलेआम फुटपाथ से लेकर किराना दुकानों में बिग रहे हैं. यह आम लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है. स्टेशन की ओर से जल्द ही सरकार को पत्र लिखकर ध्यान देने का आग्रह किया जायेगा. अशोक कुमार, महासचिव रोहतास केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन

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