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बिहार के अस्पतालों में नियुक्त होंगे 967 क्लर्क, BSSC को भेजा गया विज्ञापन जारी करने का प्रस्ताव

बिहार के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पदस्थापित लिपिकों की नयी नियमावली तैयार की जा रही है. जल्द ही इसकी कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त कर ली जायेगी.

बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में लिपिकों के 967 पदों पर नियुक्ति होगी. स्वास्थ्य विभाग ने सरकारी अस्पतालों में 967 लिपिकों की नियुक्ति के लिए सामान्य प्रशासन के माध्यम से बिहार कर्मचारी चयन आयोग को विज्ञापन जारी करने का प्रस्ताव भेज दिया है. जल्द ही लिपिकों की नियुक्ति कर उनकी अनुशंसा आयोग द्वारा विभाग को प्राप्त हो जायेगी. सरकार राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत लिपिकों का राज्य संवर्ग बनाने जा रही है. राज्य संवर्ग बन जाने से वर्षों से एक ही जगह जमे बाबुओं का दूसरे जिलों में तबादला हो सकेगा. इसकी तैयारी स्वास्थ्य विभाग द्वारा की जा चुकी है.

तैयार की जा रही नियमावली 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा इसको लेकर नयी नियमावली तैयार कर रहा है. नियमावली के प्रभावी होने के बाद अब नियुक्ति से लेकर सेवानिवृत्ति तक एक ही स्थान पर काम नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही विभाग ने अस्पतालों में लिपिकों की नियुक्ति का काम सिविल सर्जन और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अधीक्षकों के हाथों से छीन जायेगा. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नियुक्ति बिहार कर्मचारी चयन आयोग के माध्यम से होगी.

लिपिकों का होगा स्टेट कैडर

स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों, अनुमंडलीय अस्पतालों, जिला अस्पतालों और मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में पदस्थापित लिपिकों की नयी नियमावली तैयार की जा रही है. जल्द ही इसकी कैबिनेट से स्वीकृति प्राप्त कर ली जायेगी. इसमें सभी प्रकार के लिपिक संवर्ग का एक स्टेट कैडर तैयार किया जायेगा. स्टेट कैडर तैयार होने के बाद लिपिकों के स्थानांतरण अब एक जिले से दूसरे जिले में किया जाना संभव हो जायेगा.

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अभी न के बराबर होता है ट्रांसफर 

अभी तक मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में नियुक्त लिपिकों का स्थानांतरण न के बराबर होता था. इसी प्रकार से सिविल सर्जनों द्वारा नियुक्त लिपिकों का स्थानांतरण जिले में ही कहीं किया जाना संभव था. लंबे समय तक एक ही कार्यालय में पदस्थापित लिपिकों इतने प्रभावशाली हो जाते थे कि सिस्टम ही प्रभावित होने लगता था. अब स्टेट कैडर के तैयार हो जाने से अस्पताल के लिपिकों का राज्य के किसी जिले से किसी अन्य जिले में स्थानांतरण संभव हो जायेगा.

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