पूसा. कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती विषय पर आयोजित इस प्रशिक्षण की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के पीसी डॉ सुधीर दास ने की. साथ ही जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिंचाई प्रणाली में सुधार के साथ ही संरक्षित खेती से ही हरित क्रांति का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है. कृषि में समुचित जल की उपयोगिता के बारे में विस्तार से चर्चा की गयी. वर्तमान परिवेश में आधुनिक कृषि में सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की जरूरत को दर्शाते हुए अन्य फसलों पर विस्तार से बताया गया. प्रशिक्षण राजेंद्र कृषि विश्वविद्यालय के माध्यम से प्रायोजित है. मौके पर वैज्ञानिक सुनीता कुमारी, डॉ आरके आस्थाना, ई. शैलेंद्र कुमार, संगीता कुमारी, रोशन कुमार सिंह, सुशील कुमार प्रभाकर आदि मौजूद थे. आगत वैज्ञानिकों इएसके निराला ने उपस्थित किसानों को इस प्रणाली की तकनीकी जानकारी देते हुए कहा कि नियंत्रित सिंचाई से फसल पर अनुकूल प्रभाव पड़ता है.
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संरक्षित खेती से ही लक्ष्य की प्राप्ति संभव : पीसी
पूसा. कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के सभागार में दो दिवसीय प्रशिक्षण शुरू हुआ. सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली एवं संरक्षित खेती विषय पर आयोजित इस प्रशिक्षण की अध्यक्षता कृषि विज्ञान केंद्र बिरौली के पीसी डॉ सुधीर दास ने की. साथ ही जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सिंचाई प्रणाली में सुधार के साथ ही […]
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