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बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस बने नहीं दी जा सकती सैलरी

सिविल सर्जन बायोमैट्रिक अटेंडेंस के बदले चिकित्सकों को अन्य कोई विकल्प नहीं दिखा पा रहे थे.

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सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सकों का रोक दिया गया है आवेदन चिकित्सकों ने सिविल सर्जन से मिल की शिकायत सहरसा. सदर अस्पताल में पदस्थापित चिकित्सकों ने बुधवार को अचानक से एक साथ सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचकर सिविल सर्जन से मुलाकात की. मुलाकात की वजह यह थी कि सदर अस्पताल में पदस्थापित सभी चिकित्सकों का पिछले महीने से वेतन रोक दिया गया है. जिसको लेकर आक्रोशित सभी चिकित्सक सीएस से मिलकर वेतन रोकने का कारण पूछने लगे. वहीं कुछ देर के लिए अचानक से गायब हुए सभी चिकित्सक को लेकर मरीजों के बीच अफरा तफरी का माहौल बन गया. लेकिन उस दौरान अस्पताल की सुविधाएं पूरी तरह से बहाल रही. वहीं चिकित्सकों के साथ सिविल सर्जन की लंबी वार्ता हुई. लेकिन चिकित्सकों के हक में कोई नतीजा नहीं निकला. सिविल सर्जन बायोमैट्रिक अटेंडेंस के बदले चिकित्सकों को अन्य कोई विकल्प नहीं दिखा पा रहे थे. जिसके बाद सभी चिकित्सक वापस सदर अस्पताल पहुंचे और मरीजों का इलाज शुरू हुआ. पदस्थापित सभी चिकित्सकों के अचानक से सीएस कार्यालय पहुंचने को लेकर जब सिविल सर्जन डॉ कात्यायनी मिश्रा से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सरकार से गाइडलाइन आया है. जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस बने सैलरी नहीं दी जा सकती है. जिसकी सूचना उन्होंने जिले के सभी चिकित्सक सहित जिले में संचालित सभी सरकारी अस्पतालों को दे दी थी. लेकिन चिकित्सक बायोमैट्रिक अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं. वहीं सीएस कार्यालय पहुंचे चिकित्सकों ने बताया कि पूर्व में भी बायोमैट्रिक अटेंडेंस को लेकर उनलोगों का विरोध चलता रहा है. लेकिन सरकार के सख्त रवैये के कारण बिना बायोमैट्रिक अटेंडेंस के डॉक्टरों की सैलरी निर्गत नहीं की जा रही है. जिससे उनलोगों में आक्रोश है. उन्होंने कहा कि इस मामले में उनलोगों के द्वारा कोई हड़ताल नहीं किया गया है और न ही काम से दूरी बनायी हैं. लेकिन वे लोग बायोमैट्रिक अटेंडेंस का विरोध करते हैं और वह बायोमैट्रिक अटेंडेंस नहीं बनायेंगे. डॉक्टरों ने यह भी कहा कि उनलोगों के दो महीने की सैलरी बाधित है. जिसको लेकर वे आक्रोशित हैं. वहीं सभी चिकित्सकों ने आक्रोशपूर्ण शब्दों में बताया कि चिकित्सकों को बायोमेट्रिक अटेंडेंस से बांधना कतई सही नहीं है. अगर सरकार उन्हें बायोमैट्रिक अटेंडेंस से मुक्त नहीं करेगी तो वे लोग हड़ताल भी कर सकते हैं. अस्पताल बंद कर प्रदर्शन भी किया जा सकता है. हालांकि उससे पूर्व प्राथमिक चरण में अन्य तरह के विरोध प्रदर्शन किए जायेंगे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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