हो रही है गीता की वतन वापसी की तैयारी बेटी की विदाई में जुटा ईदी फाउंडेशन कुछ दिनों पहले ही कराची (पाकिस्तान) में गीता से मिल कर लौटा हूं. गीता से पहली मुलाकात ईदी फाउंडेशन की संचालिका बिलकीस ईदी ने यह कह कर कराया था ‘ हुसैन भाई यह है हमारी बेटी गीता.’ आप हिन्दुस्तान में इसके घराने का पता लगाने में हमारी मदद कीजिये, खुदा आपका भला करेगा. उन्होंने कहा कि गीता अपने मां-बाप और हिन्दुस्तान की अमानत है. अमानत हकदार तक पहुंच जाये यह हमारी आरजू है. हमने इसकी देख-भाल और परवरिश अपनी बेटी कुबरा जैसी की है. कुबरा की शादी के बाद गीता ने ही उसकी जगह ली है. हालांकि हमारे सेंटर में और भी दूसरी लड़कियां रहती हैं, लेकिन पता नहीं हमारा मन इसकी तरफ ज्यादा झुकता है. यह न बोल सकती है, न सुन सकती है. फिर भी कमाल की बात यह है कि हर कोई इस से बात करती रहती हैं और हमें बताया जाता है कि देखाे गीता यह कह रही है. कब कहती है, कैसे सुनती है, यकीनन गीता कुदरत का अजीब तोहफा है और हम अल्लाह के शुक्रगुजार हैं कि उसने इसे हमारी गोद में डाल दिया. मैंने बिलकीस बाजी को बताया कि हिन्दुस्तान में हर तरफ इसका चर्चा है कि आपलोगों ने गीता को उसके तमाम हकूक दिये. उसकी आस्था व संस्कृति का ख्याल रखा. इस पर उन्होंने कहा कि औलाद को प्यार से ही रखना चाहिए. उसके दिल में जो अच्छी बातें हैं, उसकी कद्र होनी चाहिए. कुदरत ने उसको जिस घराने में जन्म दिया उनकी अपनी मान्यताएं हैं, हम कौन हाेते हैं मान्यताओं में अड़ंगा डालनेवाले. हम तो इंसान दोस्त हैं. बिल्कीस बाजी से कई बातें हुईं. मैंने पूछा कि अगर यह हिन्दुस्तान वापस चली जायेगी, तो आपको कैसा महसूस होगा. उन्होंने कहा कि जैसा एक बेटी की शादी के बाद रूखसती में होता है. बेटी से बिछड़ने का सदमा तो होता ही है, लेकिन उसके सही ठिकाने जाने की जिम्मेदारी पूरी होने की खुशी भी बहुत होती है. यह जिंदगी के धूप-छांव वाली बात है. यह जब जायेगी, तो इसकी रूखसती बेटी की तरह ही की जायेगी. अभी तो हम इसका मायका हैं. मायका पूरे रख-रखाव से रूखसत करेगा. एक तमन्ना जरूर है कि दोनों मुल्कों की हुकूमतें गीता के लिए स्पेशल बंदोबस्त करें, ताकि यह जब चाहे हमसे मिलने आये, हम जब चाहें इसको जाकर देख सकें. दोनों मुल्क नासमझ और जालिम ससुराल मायका न बन जाये. गीता जायेगी, तो जो बन पड़ेगा इसका दहेज इसके साथ जायेगा और आप से दरखास्त है कि हुसैन भाई कि वहां इसका ख्याल रखियेगा. मैं यहां रांची में बैठा रोजाना ईदी सेंटर कराची के संपर्क में हूं, मौलाना ईदी, फैसल ईदी, बिलकीस ईदी बताते रहते हैं कि गीता की रवानगी की तारीख 26.10.15 तय हो गयी है. सेंटर की सारी लड़कियां स्टाफ अपनी-अपनी तरह से तैयारी में जुटी हुई है. पूरे शहर और मुल्क में चर्चा है. टीवी-अखबारवालों का तांता लगा हुआ है. सब गहने-कपड़े तैयार हो रहे हैं. सेंटर की लड़कियां बीच-बीच में उदास भी हो जाती हैं. यहां पूरा शादीवाला माहौल है.हुसैन कच्छी
हो रही है गीता की वतन वापसी की तैयारी
हो रही है गीता की वतन वापसी की तैयारी बेटी की विदाई में जुटा ईदी फाउंडेशन कुछ दिनों पहले ही कराची (पाकिस्तान) में गीता से मिल कर लौटा हूं. गीता से पहली मुलाकात ईदी फाउंडेशन की संचालिका बिलकीस ईदी ने यह कह कर कराया था ‘ हुसैन भाई यह है हमारी बेटी गीता.’ आप हिन्दुस्तान […]
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