दुखद. परसा बाजार महुली फ्लाइओवर के नीचे हुए हादसे में पांच की हुई थी मौत संवाददाता, पटनाजीजा जी कार ड्राइव कर रहे थे. उन्हीं की गाड़ी थी. दीदी से आखिरी बार रात साढ़े दस बजे के आसपास फोन पर बात हुई. उन्होंने कहा कि रास्ते में हूं, जल्द ही पहुंच जाऊंगा…मैं ड्राइव कर रहा हूं. पहुंच कर कॉल करता हूं. एक-डेढ़ घंटे बाद फिर से दीदी ने कॉल किया. किसी ने नहीं उठाया. डेढ़ बजे के करीब एक पुलिसकर्मी ने फोन उठाया. उन्होंने कहा कि पीएमसीएच आ जाइए…कार में सवार सभी लोगों का एक्सीडेंट में स्पॉट डेथ हो गया है. यह सुन घर में कोहराम मच गया. दीदी बेहोश हो गयीं. ये बातें कार ड्राइव कर रहे संजय कुमार सिन्हा (रिजनल मैनेजर) के साले विवेक कुमार ने कहीं. मृत संजय मूल रूप से शास्त्रीनगर थाने के इस्ट पटेल नगर रोड नंबर-1 स्थित शशि इन्क्लेव अपार्टमेंट में रहते थे. दो भाइयों में बड़े संजय की एक 25 साल की बेटी और एक बेटा हैं. बेटी बेंगलुरु में जॉब करती है. वहीं, बेटे की अपनी आइटी कंपनी है. दरअसल, बीते बुधवार की देर रात करीब एक बजे परसा बाजार थाना क्षेत्र के महुली फ्लाइओवर के नीचे सड़क हादसे में कार सवार पांच लोगों की मौत हो गयी. कार में संजय के अलावा कुर्जी की चश्मा गली स्थित अनिमालती अपार्टमेंट में रहने वाले 50 वर्षीय राजेश कुमार (गोपालपुर के मित्तनचक के रहने वाले थे व कंपनी का सीएनएफ ले रखा था), परसा बाजार स्थित कुरथौल के निवासी 38 वर्षीय अकाउंटेंट कमल किशोर, समस्तीपुर के कोठिया वार्ड नंबर-5 निवासी 35 वर्षीय सेल्स ऑफिसर प्रकाश चौरसिया और मुजफ्फरपुर के मोतीपुर स्थित नकटा के रहने वाले 38 वर्षीय सेल्स मैनेजर सुनील कुमार सवार थे. पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को शवों को सौंप दिया गया. कटर मशीन से काट कर पुलिस ने शवों को बाहर निकाला हादसा इतना भीषण था कि कार ट्रक के अंदर घुस गयी. ट्रक के ड्राइवर को इसका पता भी नहीं चला. वह कार को घसीटते हुए 25 मीटर तक दूर तक चला गया.कार की रफ्तार 100 से ज्यादा थी. पुलिसकर्मियों ने गैस कटर से कार को काट कर सभी शवों को निकाला गया. ये सभी फतुहा से पटना लौट रहे थे. इसी दौरान परसा बाजार थाना क्षेत्र के सुईया मोड़ के पास यह हादसा हुआ. पूरी कार ट्रक के अंदर घुस गयी. परसा बाजार थाना प्रभारी मेनका रानी ने बताया कि मौके पर ही पांच लोगों की मौत हो गयी. यह सभी गाड़ी के अंदर फंसे थे. कर्मियों ने कहा…ये पांचों कंपनी के मेंटर थे पटना में कंपनी का कार्यालय जगत ट्रेडस बिल्डिंग में है. हादसे की खबर सुनते ही कंपनी के सभी अधिकारी व कर्मचारी पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. कर्मियों ने कहा कि ये पांचों कंपनी के मेंटर थे. एक कर्मी तो रिजनल मैनेजर संजय कुमार सिन्हा के शव को देख काफी भावुक हो गये. उन्होंने कहा कि मैं 17 साल से कंपनी में हूं. सर 18 साल से कंपनी में थे. आज जो मैं हूं, वह संजय सर की वजह से हूं. उन्होंने हर कर्मी को अपने परिवार के हिस्से की तरह माना. किसी से भी छोटा-बड़ा, सीनियर-जूनियर का भेदभाव नहीं किया. यह गलत हुआ है. बड़े भाई का शव देख बिलख बिलख कर रो पड़े विमल पोस्टमार्टम हाउस के कर्मियों ने जैसे कमल किशोर के नाम लेकर चिल्लाया, तो उनके छोटे भाई विमल किशोर बिलख-बिलख रो पड़े. मोबाइल पर बार-बार परिजनों का कॉल आ रहा था. वे सभी से बस एक ही बात कह रहे थे…भाभी का ख्याल रखिए. बऊआ कहां है, यहां किसी को मत भेजो…मैं भइया को लेकर आ रहा हूं…कमल किशोर कंपनी के अकाउंटेंट थे. कीटनाशक व्यापारी राजेश बना रहे थे सुंदर सिटी मल्टीप्लेक्स फुलवारीशरीफ . मृतकों में प्रमुख नाम संपतचक के मित्तन चक निवासी राजेश कुमार उर्फ अप्पू सिंह (45 वर्ष) का है. वह स्वर्गीय अमोद सिंह के पुत्र थे और पटना के बड़े कीटनाशक व्यापारी माने जाते थे. उनका महुली में बड़ा गोदाम है. मित्तन चक के पास पाउडर फैक्ट्री चल रही है और 16 बीघा जमीन पर ‘सुंदर सिटी’ मल्टीप्लेक्स का निर्माण हो रहा था. यह सपना अब अधूरा रह गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

