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उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच बेहतर हो जायेगा आवागमन, गंगा पर ये तीन पुल अगले साल हो जायेंगे चालू…

राज्य में गंगा नदी पर तीन और कर्मनाशा नदी पर एक पुल से होकर अगले साल आवागमन शुरू हो जायेगा. इनमें पटना के महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन, मुंगेर पुल, सुल्तानगंज-अगवानीघाट पुल और कर्मनाशा नदी पर बक्सर-चौसा पुल शामिल हैं. इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन बेहतर हो जायेगा. साथ ही राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों का भी विकास होगा. चारों पुलों सहित उनके एप्रोच रोड को बनाने का काम जारी है.

राज्य में गंगा नदी पर तीन और कर्मनाशा नदी पर एक पुल से होकर अगले साल आवागमन शुरू हो जायेगा. इनमें पटना के महात्मा गांधी सेतु का पूर्वी लेन, मुंगेर पुल, सुल्तानगंज-अगवानीघाट पुल और कर्मनाशा नदी पर बक्सर-चौसा पुल शामिल हैं. इससे उत्तर और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन बेहतर हो जायेगा. साथ ही राज्य के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक क्षेत्रों का भी विकास होगा. चारों पुलों सहित उनके एप्रोच रोड को बनाने का काम जारी है.

फिलहाल गंगा नदी पर छह पुल

फिलहाल गंगा नदी पर छह पुलों से होकर आवागमन जारी है. इनमें बक्सर सेतु, पटना में महात्मा गांधी सेतु का पश्चिमी लेन, पटना में जेपी सेतु, मोकामा में राजेंद्र सेतु, भागलपुर में विक्रमशिला सेतु और आरा-छपरा पुल शामिल हैं. तीन पुल बनने से 2022 तक गंगा नदी पर कुल नौ पुल हो जायेंगे. सूत्रों का कहना है कि पटना में एमजी सेतु के पश्चिमी दो लेन की मरम्मत का काम जारी है.

1742 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण

करीब साढ़े पांच किमी की लंबाई में करीब 1742 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण 2021 तक पूरा हो जायेगा. इसके बनने से एमजी सेतु के कुल चार लेन पर आवागमन शुरू हो जायेगा. फिलहाल दो लेन पर आवागमन हो रहा है. इससे होकर उत्तर और दक्षिण बिहार आने-जाने वालों को आसानी होगी.

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मुंगेर पुल

मुंगेर के रेल सह सड़क पुल का अधिकतर काम हो चुका है. इसमें सड़क पुल दो लेन का है. फिलहाल एप्रोच रोड को बनाने का काम चल रहा है. इसकी लंबाई करीब 14.51 किमी है. इसका शिलान्यास 26 दिसंबर, 2002 को तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था. रेल पुल को 2016 में चालू कर दिया गया. करीब 921 करोड़ रुपये की लागत से इस पुल का निर्माण 2007 में ही पूरा होना था. बाद में जमीन अधिग्रहण की समस्या के कारण इसकी लागत में बढ़ोतरी हो गयी और 16 नवंबर, 2015 को पुल के निर्माण के लिए केंद्र सरकार ने 2774 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी थी. अब इसे 2021 में बनने की संभावना है. इस पुल के बनने से खगड़िया और बेगूसराय की दूरी मुंगेर से महज 30 से 40 किलोमीटर ही होगी. मुंगेर से खगड़िया और बेगूसराय का सफर कुछ मिनटों में तय हो सकेगा. फिलहाल मुंगेर के लोगों को सड़क मार्ग से 160-170 किलोमीटर की दूरी तय कर खगड़िया और बेगूसराय जाना पड़ता है.

सुल्तानगंज-अगवानी घाट पुल

यह फोरलेन पुल करीब 1416 करोड़ रुपये की लागत से एप्रोच रोड सहित करीब 22 किमी की लंबाई में बन रहा है. इसमें से पुल की लंबाई करीब 3.16 किमी है और इस पर भी अगले साल तक आवागमन शुरू होने की संभावना है. इस पुल के बनने से भागलपुर के विक्रमशिला सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम हो जायेगा. साथ ही उत्तर बिहार के खगड़िया, सहरसा और मधेपुरा जिले से दक्षिण बिहार के भागलपुर, मुंगेर, जमुई और बांका की दूरी करीब 100 से 150 किमी तक कम हो जायेगी.

बक्सर-चौसा पुल

बक्सर-चौसा के बीच कर्मनाशा नदी पर करीब ढाई किलोमीटर लंबे दो लेन के पुल का निर्माण 14 मई, 2018 में शुरू हुआ था. इसे 2021 में बनने की संभावना है. यहां पहले से दो लेन का पुल बना हुआ है, उसके समानांतर में दो लेन नया पुल बन रहा है. यह पुल पटना से बक्सर, गाजीपुर होकर वाराणसी को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण मार्ग है. इसके अलावा यह पुल मऊ और गोरखपुर के कई शहरों को भी जोड़ता है.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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