Jeevika Didi Bihar: बिहार में गया जिले के डोभी प्रखंड में जनवरी 2020 से शुरू हुआ जीविका वीमेन इनिशिएटिव रिन्यूएबल इंजॉइन एंड सॉल्यूशन (जे-वायर्स) अब हजारों महिलाओं की जिंदगी बदल रहा है. अक्षय ऊर्जा पर आधारित इस संस्था ने महिलाओं को सौर ऊर्जा उत्पादों से जोड़कर आत्मनिर्भरता का रास्ता दिखाया है.
सौर ऊर्जा से स्वरोजगार के अवसर(Jeevika Didi Bihar)
जे-वायर्स के माध्यम से महिलाएं सौर दुकानों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जुड़कर आर्थिक स्वतंत्रता हासिल कर रही हैं. यहां इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्माण, असेंबलिंग और विपणन किया जाता है. फिलहाल 60 महिलाएं शेयरधारक के रूप में जुड़ी हैं और आने वाले समय में यह संख्या 200 तक बढ़ाने का लक्ष्य है.
सोलर मार्ट और ऊर्जा क्रांति
अब तक गया, नवादा, औरंगाबाद, पश्चिम चंपारण और भोजपुर जिलों के 57 प्रखंडों में 400 से ज्यादा सोलर मार्ट खोले जा चुके हैं. यहां ‘सोलर दीदी’ के रूप में प्रशिक्षित 2,500 महिलाएं ग्रामीण इलाकों तक ऊर्जा-कुशल उत्पाद पहुंचा रही हैं. संस्था द्वारा 17.69 लाख से अधिक सोलर स्टडी लैंप भी वितरित किए जा चुके हैं.
रोजगार और पर्यावरण संरक्षण का संगम
जे-वायर्स ने अपने ब्रांड के तहत एलईडी बल्ब का उत्पादन भी शुरू किया है. इस साल 650 सौर दुकानों का लक्ष्य रखा गया है. इससे ग्रामीण महिलाएं न केवल रोजगार पा रही हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान दे रही हैं. गांव-गांव में सौर ऊर्जा का उजियारा फैलाकर यह पहल हरित विकास को मजबूती दे रही है.
आरएसवीसी का शुभारंभ
2 सितम्बर 2025 को डोभी स्थित जे-वायर्स कार्यालय में रू-टैग स्मार्ट विलेज सेंटर (RSVC) का उद्घाटन नाबार्ड अधिकारियों और फिनोविस्टा निदेशक ने किया. यह केंद्र ग्रामीण युवाओं को तकनीकी कौशल और उद्यमशीलता के अवसर उपलब्ध कराएगा. साथ ही, यह क्षेत्र में सतत विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण की नई राह खोलेगा.
Also Read: बिहार में अब इस दिन नहीं बजा सकते हैं हॉर्न, साउंड पॉल्यूशन को लेकर सरकार का बड़ा आदेश

