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बिहार की पहली एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट लैब में आम लोगों को भी मिलेगी ट्रेनिंग, स्वास्थ्य मंत्री करेंगे उद्घाटन

पटना: सड़क दुर्घटना या किसी भी तरह के ट्रामा के बाद मरीजों की जान बचाने को क्या किया जाये. इसकी स्पेशलाइज्ड व बेहतर ट्रेनिंग अब डाॅक्टरों व आम लोगों को मिल सकेगी. इस मकसद से राज्य की पहली एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट लैब का निर्माण आइजीआइएमएस में किया गया है. लैब बन कर तैयार है और आज इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री करेंगे. लैब के बन जाने के बाद ट्रामा केस में पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से डाॅक्टर मरीजों की जान बचा सकेंगे.

पटना: सड़क दुर्घटना या किसी भी तरह के ट्रामा के बाद मरीजों की जान बचाने को क्या किया जाये. इसकी स्पेशलाइज्ड व बेहतर ट्रेनिंग अब डाॅक्टरों व आम लोगों को मिल सकेगी. इस मकसद से राज्य की पहली एडवांस ट्रामा लाइफ सपोर्ट लैब का निर्माण आइजीआइएमएस में किया गया है. लैब बन कर तैयार है और आज इसका उद्घाटन स्वास्थ्य मंत्री करेंगे. लैब के बन जाने के बाद ट्रामा केस में पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से डाॅक्टर मरीजों की जान बचा सकेंगे.

माॅर्डन टेक्नोलाॅजी व इलाज की देंगे जानकारी

लैब के स्पेशियलिस्ट डाॅक्टर आइजीआइएमएस ही नहीं बल्कि राज्य के दूसरे डाॅक्टरों को भी ट्रामा केस में मरीज की जान बचाने को क्या उपाय करें, इसकी ट्रेनिंग देंगे. उन्हें देश व दुनिया में ट्रामा केस में इस्तेमाल होने वाली माॅर्डन टेक्नोलाॅजी व इलाज की जानकारी देंगे. उन्हें समय-समय पर अपडेट जानकारियां देंगे. लैब ट्रामा केस में मरीजों को कम-से-कम नुकसान पहुंचे और जल्दी-से-जल्दी रिकवरी हो, इसके उपायों पर भी काम करेगी. लैब में जरूरी रिसर्च व स्टडी का भी काम होगा.

आम लोगों को भी ट्रामा केस में जान बचाने की देगी ट्रेनिंग

यह लैब सिर्फ डाॅक्टरों को ही नहीं बल्कि आम लोगों को भी ट्रामा केस में मरीज की जान बचाने की ट्रेनिंग देगी. लैब में तैनात डाॅक्टर लोगों को बतायेंगे कि रोड एक्सिडेंट में कैसे घायल को उठाया जाये. अस्पताल लाने के दौरान किन सावधानियों का ख्याल रखा जाये.

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जागरूकता से बचेगी जान 

इसकी जरूरत इसलिए भी समझी जा रही है कि राज्य भर में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. घायलों को सही समय पर बेहतर इलाज मिल जाये, तो उनकी जान बचाने में बड़ी मदद मिल सकती है. कई बार अस्पताल लाने के क्रम में ही घायल मरीज के शरीर को बड़ा नुकसान पहुंच जाता है. ऐसे में अगर लोगों को इस दिशा में जागरूक किया जाये और ट्रेनिंग दी जाये, तो मौतों को काफी हद तक रोका जा सकता है.

Posted by : Thakur Shaktilochan Shandilya

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