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Bihar Weather Forecast, Flood Updates: महानंदा, कमला और बागमती नदियां खतरे के निशान से ऊपर

Bihar Weather Alert, forecast, IMD report, News LIVE Updates : करीब दो दशक बाद बिहार में मॉनसून (Monsoon) बेहद सक्रिय अवस्था में है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवात उठने से बिहार में एक बार फिर मानसून सक्रिय हो गया है. मौसम विभाग के अनुसार बिहार में दो जुलाई तक मॉनसूनी बारिश जारी रहेगी. मॉनसून अब भी पूरी तरह सक्रिय है. सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में सामान्य से भारी बारिश तक रिकाॅर्ड की गयी . दो जुलाई तक समूचे प्रदेश में खासतौर पर उत्तर- मध्य और उत्तर-पूर्व बिहार में अच्छी से भारी बारिश होने के आसार हैं. इसको लेकर पूरे राज्य में अलर्ट घोषित किया गया है.

लाइव अपडेट

कोसी, गंडक और सोन नदियों का भी बढ़ा जलस्तर

बिहार में गुरुवार को सुबह छह बजे तक महानंदा, कमला बलान और बागमती नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा था. हालांकि, इन सभी नदियों के जलस्तर में कमी हो रही है. वहीं गंगा नदी के जल स्तर में भी केवल हाथीदह और कहलगांव में बढ़ोतरी दर्ज की गई. हालांकि कोसी, गंडक और सोन नदियों का जलस्तर भी बढ़ा है.

जल संसाधन विभाग के अनुसार महानंदा नदी का जलस्तर गुरुवार को सुबह छह बजे पूर्णिया के धनगारा घाट पर खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर अधिक था. वहां खतरे का निशान 35.65 मीटर है लेकिन इस नदी का जलस्तर 35.69 मीटर था. कमला बलान नदी का जलस्तर मधुबनी स्थित झंझारपुर रेल पुल के पास खतरे के निशान से 15 सेंटीमीटर अधिक था. वहां खतरे का निशान 50 मीटर पर है लेकिन इस नदी का जलस्तर 50.15 मीटर था. बागमती नदी मुजफ्फरपुर के कटौंझा में खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही थी. वहां खतरे का निशान 53.73 मीटर है. इस नदी का जलस्तर 54.30 मीटर था.

एक जून से शुरू मानसून सीजन में पहले तीस दिन रिकार्ड 309 मिलीमीटर दर्ज की गयी बारिश

पटना : दो जुलाई के बाद कुछ दिन बारिश नहीं होगी. मानसून के लिए जवाबदेह ट्रफ लाइन दक्षिण भारत की तरफ शिफ्ट कर गयी है. ऐसी स्थिति में बिहार को बारिश को राहत मिलेगी. हालांकि, इसके बाद फिर बारिश का दौर चालू हो जायेगा. एक जून से शुरू मानसून सीजन में पहले तीस दिन रिकार्ड 309 मिलीमीटर दर्ज की गयी है. जून माह में पिछले दो दशक में हुई सर्वाधिक बारिश का यह रिकार्ड माना जा रहा है.

खगड़िया में कोसी खतरे के निशान से 60 सेंमी ऊपर

नेपाल स्थित कोसी बैराज से पानी डिस्चार्ज करने व लगातार बारिश से कोसी एवं बागमती नदी उफान पर है. दोनों नदियों के जल स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुकी हैं.

बिहार के बाढ़ का खतरा 

बिहार की चार प्रमुख नदियां अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. कोसी, बागमती, कमला बलान और महानंदा नदियां लगभग छह स्थानों पर लाल निशान से ऊपर हैं. राज्य में सोमवार को लगभग एक दर्जन स्थानों पर 50 मीमी से अधिक वर्षा हुई.

कोसी नदी के जलस्तर में तेजी से हो रही वृद्धि 

कोसी नदी एवं बागमती नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि दर्ज की जा रही है. डीएम आलोक रंजन घोष ने जानकारी देते हुए बताया कि कोसी नदी बलतरा के पास समुद्र तल से 34.45 मीटर ऊंचाई पर बह रही है. दूसरी ओर बागमती नदी संतोष स्लूइस के पास 36.14 मीटर ऊंचाई पर बह रही है. उन्होंने बताया कि बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल एक एवं दो के अंतर्गत सभी तटबंध व अन्य संरचनाएं वर्तमान में सुरक्षित है.

24 घंटे में बागमती नदी के जलस्तर में हुई 18 सेंटीमीटर की वृद्धि

नेपाल स्थित कोसी बैराज से पानी डिस्चार्ज करने व लगातार भारी वर्षा के बाद कोसी एवं बागमती नदी उफान पर है. दोनों नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है. हाल यह है कि दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी ऊपर पहुंच चुकी है. जिस कारण एक ओर जहां दियारा के लोंगों में संभावित बाढ़ को लेकर हड़कंप मचा हुआ है. वहीं दूसरी ओर प्रशासनिक अधिकारियों में भी हलचल तेज हो गयी है.

सामान्य से हुई अधिक बारिश 

प्रदेश में सोमवार को मधुबनी के सौलीघाट में 140 िमलीमीटर और मुजफ्फरपुर के रेवा घाट क्षेत्र, वैशाली, सुपौल के त्रिवेणीगंज व निर्मली में 110-110 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी है़ इसके अलावा भीमनगर, खगड़िया, परबत्ता, साहेबपुर कनाल, गोरगी ,कमतौल और बीरपुर में 90 मिलीमीटर और धेंगराघाट में 80 मिलीमीटर से अधिक बारिश दर्ज की गयी है. प्रदेश के तीन मुख्य शहरों पटना में 11.5, भागलपुर में 5.4 और पूर्णिया शहर में 18.5 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी़ जबकि सोमवार को गया शहर में बारिश नहीं हुई़ प्रदेश में ट्रफ लाइन जहानाबाद क्षेत्र से गुजर रही है़

बिहार में दो जुलाई तक जारी रहेगी बारिश

प्रदेश में दो जुलाई तक मॉनसूनी बारिश जारी रहेगी. मॉनसून अब भी पूरी तरह सक्रिय है. सोमवार को प्रदेश के कई हिस्सों में सामान्य से भारी बारिश तक रिकाॅर्ड की गयी. पूरे प्रदेश में दिन का तापमान अब भी सामान्य से कम दर्ज किया गया है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में चक्रवाती दबाव का केंद्र बना हुआ है. इसके कारण राज्य में अभी करीब तीन दिन तक अच्छी बारिश होने के आसार हैं. प्रदेश में अब तक सामान्य से 91 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है. इससे खरीफ की फसलों को काफी लाभ पहुंचा है.

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