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कोरोना के लक्षण वाले मरीजों के लिए बिहार के अस्पतालों में बनेंगे स्पेशल वार्ड, जानें कौन सी जांच होगी मुफ्त

बिहार में कोरोनावायरस के दूसरे लहर ने लोगों के अंदर एक खौफ पैदा कर दिया है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण सूबे के सभी प्रभावित जिलों में अस्पतालों के उपर दवाब अब काफी अधिक हो चुका है. कई जिलों में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. शुरुआती दौर में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग लगातार इस तरफ की दिक्कतों को दूर करने में जुटा है. अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में उन मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाए जाएंगे जिनके पास कोरोना पॉजिटिव का रिपोर्ट तो नहीं है लेकिन उनके अंदर कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं.

बिहार में कोरोनावायरस के दूसरे लहर ने लोगों के अंदर एक खौफ पैदा कर दिया है. कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है जिसके कारण सूबे के सभी प्रभावित जिलों में अस्पतालों के उपर दवाब अब काफी अधिक हो चुका है. कई जिलों में मेडिकल कॉलेज व अस्पताल को कोविड डेडिकेटेड अस्पताल में तब्दील कर दिया है. शुरुआती दौर में अचानक मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण अस्पतालों में बेड मिलना मुश्किल हो गया. जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग लगातार इस तरफ की दिक्कतों को दूर करने में जुटा है. अब प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में उन मरीजों के लिए स्पेशल वार्ड बनाए जाएंगे जिनके पास कोरोना पॉजिटिव का रिपोर्ट तो नहीं है लेकिन उनके अंदर कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं.

बिहार में आइजीआइएमएस समेत सभी मेडिकल कॉलेज व अस्पतालों में अब अलग से एक वार्ड बनाये जाएंगे जिसमें उन मरीजों को भर्ती किया जायेगा जिन्हें कोरोना पॉजिटिव होने की पुष्टि तो नहीं हुई है लेकिन उनमें कोरोना के लक्षण पाए जा रहे हैं. वहीं वैसे मरीज भी इसमें भर्ती हो पाएंगे जिनका कोरोना रिपोर्ट निगेटिव है लेकिन उनमें अभी कोरोना का लक्षण दिख रहा हो. ऐसे मरीजों के लिए सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में 25 बेडों के अलग वार्ड बनाए जाने का निर्देश जारी किया गया है.

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत के द्वारा जारी किये गये दिशा-निर्देश के तहत पत्र में यह लिखा गया है कि कई ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसमें संबंधित व्यक्ति के पास या तो उसका रिपोर्ट नहीं है या फिर रिपोर्ट निगेटिव है. कई ऐसे मामले भी आ रहे हैं जिसमें संक्रमित होने के बाद व्यक्ति कोरोना निगेटिव भी हो चुका है. लेकिन उनमें कोविड संक्रमण वाले लक्षण पाए गए है. ऐसे मरीजों को इस वार्ड में रखा जा सकेगा.

उन्होंने लिखा कि ऐसे मरीजों में पाए जाने वाले लक्षणों की पहचान रेडियोलॉजी या पैथोलॉजी टेस्ट से हो पाती है. इस प्रकार के रोगियों के लिए विशेष तरह की व्यवस्था जरुरी होती है. इसके लिए कोविड हेल्थ सेंटरों पर भी 10 बेडों की अलग से व्यवस्था की जाएगी. साथ ही मरीजों के लिए अस्पतालों में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी टेस्ट मुफ्त में किया जायेगा. प्रधान सचिव ने इसे लेकर आदेश जारी कर दिया है. पत्र में कहा गया है कि जिन अस्पतालों में ये जांच सुविधा नहीं है, वे निजी लैब से जांच करा सकेंगे, जो मरीजों को मुफ्त दी जानी है. जिसका खर्च रोगी कल्याण समिति वहन करेगी.

Posted By: Thakur Shaktilochan

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